
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई. बैठक में कांग्रेस नेताओं ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन रखा. इसके अलावा एक प्रस्ताव भी पास किया गया. बैठक के बाद कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए इस प्रस्ताव की जानकारी दी. कांग्रेस ने कहा कि पाकिस्तान ने यह कायराना साजिश रची और देश में भावनाएं भड़काने के लिए हिंदुओं को जानबूझकर निशाना बनाया गया. कांग्रेस ने खुफिया विफलताओं और सुरक्षा चूक का भी जिक्र किया और सरकार से जांच की मांग की.
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पवन खेड़ा ने अमरनाथ यात्रा को लेकर चिंता जाहिर की है, उन्होंने सरकार से मांग की है कि यात्रा के दौरान पुख्ता इंतेजाम किए जाएं, ताकि किसी भी यात्री को कोई समस्या न हो.
सुरक्षा चूक की हो जांच-पवन खेड़ा
पवन खेड़ा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है. ऐसे में यहां सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है. पहलगाम एक बहुत सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है, जहां त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है. ऐसे में यह अत्यावश्यक है कि इस केंद्र शासित प्रदेश- जो सीधे-सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है- में इस प्रकार के हमले को अंजाम देने में हुई खुफिया विफलताओं और सुरक्षा चूक की व्यापक और गहन जांच की जाए. इन सवालों को व्यापक जनहित में उठाना आवश्यक है. यही एकमात्र रास्ता है, जिससे पीड़ित परिवारों के साथ न्याय होते हुए देखा जा सकता है.
जानबूझकर हिंदुओं को बनाया निशाना
पाकिस्तान की तरफ से रची गई यह कायरतापूर्ण और सुनियोजित आतंकी कार्रवाई हमारे गणतंत्र के मूल्यों पर सीधा हमला है. पूरे देश में भावनाओं को भड़काने के लिए हिंदुओं को जानबूझकर निशाना बनाया गया है. हम इस गंभीर उकसावे के सामने शांति की अपील करते हैं और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के लिए अपनी सामूहिक शक्ति की पुष्टि करते हैं. सीडब्ल्यूसी शांति की अपील करती है.
बीजेपी दे रही कलह को बढ़ावा
कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस नरसंहार की जम्मू और कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों और इसके नागरिकों के एक बड़े वर्ग ने निंदा की है. हालांकि, यह चौंकाने वाला है कि बीजेपी आधिकारिक और प्रॉक्सी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से इस गंभीर त्रासदी का फायदा उठाकर ऐसे समय में और अधिक कलह, अविश्वास, ध्रुवीकरण और विभाजन को बढ़ावा दे रही है, जब एकता और एकजुटता की सबसे अधिक आवश्यकता है.