
हर साल 23 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व पुस्तक दिवस यानी World Book Day मनाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इस दिन को ही क्यों चुना गया? और इसका किताबों और कॉपीराइट से क्या कनेक्शन है?
किताबों से प्यार बढ़ाने की पहल
यूनेस्को (UNESCO) की इस पहल का मकसद है लोगों को किताबें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना। इसी दिन को “विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस” भी कहा जाता है ताकि राइटर्स और पब्लिशर्स के अधिकारों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जा सके।
पीछे की दिलचस्प कहानी
इस दिन को चुनने की वजह भी काफी खास है।विलियम शेक्सपीयर और स्पेन के महान लेखक मिगेल डे सरवांटिस—दोनों का निधन 23 अप्रैल, 1616 को हुआ था।
यही नहीं, कई और बड़े लेखकों की जन्म और मृत्यु की तारीखें भी इसी दिन के आसपास हैं।ये आइडिया आया था स्पेन की ‘रोज डे’ परंपरा से, जहां लोग 23 अप्रैल को एक-दूसरे को फूल देते हैं। लेकिन साल 1926 में लोगों ने मिगेल डे सरवांटिस को श्रद्धांजलि देने के लिए फूलों की बजाय किताबें बांटीं, और वहीं से ये सोच फैली।
अलग-अलग देशों में कैसे मनाते हैं?
स्पेन: दो दिन की रीडिंग मैराथन होती है और मिगेल डे सरवांटिस पुरस्कार दिया जाता है।
स्वीडन: स्कूलों-कॉलेजों में राइटिंग कॉम्पिटीशन होते हैं।
यूके और आयरलैंड: यहां 23 अप्रैल को सेंट जॉर्ज डे होता है, इसलिए ये मार्च के पहले गुरुवार को वर्ल्ड बुक डे मनाते हैं।तो अगली बार जब आप कोई किताब पढ़ें, तो याद रखें कि उसके पीछे सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि इतिहास की गहराई और एक खूबसूरत परंपरा भी छुपी है।