नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी, झारखंड में 8 ढेर – गृह मंत्रालय ने सुरक्षाबलों को सराहा

झारखंड में बोकारो जिला के लुगूबुरु पहाड़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. इस में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई. सुरक्षाबलों ने इस ऑपरेशन में 8 नक्सलियों को ढेर किया है. इस मौके पर गृहमंत्रालय की तरफ से सुरक्षाबलों को बधाई दी गई.

देश में नक्सलियों के खिलाफ लिए गए एक्शन पर गृहमंत्रालय ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, नक्सलवाद को खत्म करने के लिए हमारा अभियान निरंतर जारी है. नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए चल रहे ऑपरेशन में आज सुरक्षाबलों को एक और अहम कामयाबी हासिल हुई.

गृहमंत्रालय ने की सुरक्षाबलों की सराहना

गृहमंत्रालय ने कहा, झारखंड के बोकारो में लुगु हिल्स में एक मुठभेड़ में, 8 माओवादियों को मार गिराया गया, जिनमें एक शीर्ष स्तर के नक्सली नेता, विवेक, जिस पर ₹1 करोड़ का इनाम था और दो अन्य कुख्यात नक्सली शामिल थे. साथ ही यह भी कहा गया कि ऑपरेशन अभी जारी है. हमारे सुरक्षा बलों की सराहना करें.

भारी संख्या में हथियार बरामद

घटनास्थल से भारी संख्या में हथियार और अन्य समान बरामद किया गया है. बोकारो के ललपनिया थाना क्षेत्र के मुंडा टोली व सोसो के नजदीक यह मुठभेड़ सुबह के समय ही शुरू हुई. सर्च अभियान के साथ ही मृतक नक्सलियों की पहचान भी की जा रही है.

नक्सलियों के साथ हुई इस मुठभेड़ के बाद अब तक सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से 2 इंसास राइफल, एक सेल्फ लोडिंग राइफल, एक पिस्टल, 8 देशी राइफल समेत बाकी कई हथियार बरामद किए हैं.

देश में नक्सलवाद के खिलाफ मुहिम

देश में फैले नक्सलवाद के बाद सरकार ने मुहिम छेड़ी हुई है. इसी के चलते नक्सलवाद को खत्म करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 31 मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही उन्होंने कहा था कि नक्सलवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 12 से घटकर 6 रह गई है.

सरकार का कहना है कि सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से नक्सली गतिविधियों में कमी आई है. इसी के साथ लगातार नक्सलवाद के खिलाफ सर्च ऑपेरशन चलाए जा रहे हैं और नक्सलियों को ढेर किया जा रहा है.

“नक्सलवाद सिर्फ इतिहास बनकर रह जाएगा

इससे पहले भी 30 मार्च को अमित शाह ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था कि बहुत हर्ष का विषय है कि बीजापुर (छत्तीसगढ़) में 50 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया. हिंसा और हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने वालों का मैं स्वागत करता हूं. मोदी जी की नीति साफ है कि जो भी नक्सली हथियार छोड़कर विकास का रास्ता अपनाएंगे, उनका पुनर्वास कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा.

बाकी लोगों से भी मैं दोबारा अपील करता हूं कि वे हथियार त्याग कर मुख्यधारा में आएं. 31 मार्च 2026 के बाद देश में नक्सलवाद सिर्फ इतिहास बनकर रह जाएगा, यह हमारा संकल्प है.

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