ब्राजील में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टमाटर की खेती का लिया जायज़ा, साझा किया अनोखा सिंचाई तरीका

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान इस समय BRICS कृषि मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए ब्राजील के दौरे पर हैं. अपने इस दौरे के दौरान शिवराज सिंह ने ब्राजील में टमाटर के खेत में सिंचाई की व्यवस्था देखी और कम पानी में ज्यादा सिंचाई की तकनीक की जमकर तारीफ की.

कृषि मंत्रियों की बैठक के इतर शिवराज सिंह चौहान ब्राजील के खेत को देखने गए. इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, “ब्राजील प्रवास के दौरान कई तरह के अनुभवों और तकनीकों से समृद्ध होने का अवसर मिल रहा है. मैं यहां आकर खेती देख भी रहा हूं और इससे जुड़ी कई नई चीजें भी सीख रहा हूं.”

यहां सारा सिस्टम मैकेनाइज्डः शिवराज
उन्होंने आगे कहा, “आज मुझे यहां पर टमाटर और मक्के की खेती देखने का मौका मिला. यहां सारा सिस्टम मैकेनाइज्ड है. भारत में उत्पादन बढ़ाने के लिए इन तकनीकों का कैसे उपयोग कैसे कर सकते हैं, इस दिशा में हम काम करेंगे.”

टमाटर की खेती के दौरान पानी के किफायती इस्तेमाल को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “ब्राजील में टमाटर के खेत में सिंचाई की व्यवस्था देखी. यहां पर बेहद कम पानी में ज्यादा सिंचाई की व्यवस्था की गई है. यहां पर सारा सिस्टम कंट्रोल्ड है, जिससे पौधे को जितनी जरूरत है, उतना पानी दिया जाता है.”

भारत-ब्राजील के बीच 3 अरब डॉलर का बिजनेस
इससे पहले कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि भारत और ब्राजील के संयुक्त प्रयास वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, ब्राजील के साओ पाउलो में कृषि से जुड़े स्थानीय कारोबारी समुदाय के 27 लोगों के साथ बैठक के दौरान कृषि मंत्री शिवराज ने ब्राजील की कृषि, खासतौर से कपास और सोयाबीन की कटाई में मशीनरी के इस्तेमाल की तारीफ की और इन क्षेत्रों में सहयोग की उम्मीद जताई.

शिवराज सिंह चौहान ने ब्राजील के कृषि समुदाय को भारत आने का न्योता देते हुए कहा कि इससे आपसी अनुभवों को और आगे बढ़ाने तथा तकनीकी साझेदारी को मजबूत करने का अवसर मिलेगा.

इस दौरान ब्राजीलियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक अधिकारी ने कहा कि भारत-ब्राजील के बीच फिलहाल कृषि व्यापार 2 से 3 अरब डॉलर है, लेकिन इसके 15-20 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. ब्राजील की ओर से मुख्य रूप से भारत को उर्वरक के अलावा सोयाबीन, खाद्य फसलें, चीनी, मांस और सब्जियां निर्यात किया जाता है.

 

 

 

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