
सऊदी अरब ने भारतीयों के हज कोटे में 80 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया है, जिसको लेकर देशभर के मुस्लिम समाज को लोगों के मन में चिंता पैदा हो गई है. वहीं सऊदी के इस फैसले से कश्मीर के लोग भी असमंजस में पड़ गए हैं. ऐसे में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से गुहार लगाई है. नेताओं ने मंत्री से फौरन इस मामले को लेकर सऊदी अरब सरकार से बात करने की अपील की है.
सऊदी अरब के इस फैसले से करीब 52,000 से ज्यादा भारतीय हज यात्री प्रभावित होंगे, जिनमें सैकड़ों जम्मू कश्मीर से हैं. पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का कहना है कि सऊदी सरकार की तरफ से अचानक लिए गए 80 पर्सेंट कटौती के फैसले ने टूर ऑपरेटर्स को परेशान कर दिया है. मुफ्ती ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से गुजारिश की है कि ये मसला सऊदी सरकार के सामने फौरन उठाया जाना चाहिए और इसका कोई हल निकाला जाए. उन्होंने कहा कि हजारों लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
‘सऊदी सरकार से बात करें भारत’
वहीं सूबे के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने भी एस. जयशंकर से इस मसले का हल निकालने का आग्रह किया है. उन्होंने 52 हजार भारतीयों के हज स्लॉट रद्द करने पर हैरानी जताई जबकि वो भुगतान कर चुके थे. सीएम का कहना है कि ये बेहद दुखद बात है. जो लोग इस साल पवित्र हज यात्रा पर जाने की उम्मीद कर रहे थे सऊदी अरब सरकार के इस फैसले से वो परेशान हो गए हैं, ऐसे में भारत सरकार को इसका समाधान निकालने के लिए कोशिश करनी चाहिए.
फारूक अब्दुल्ला ने PM मोदी से लगाई गुहार
इसके साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने बी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हज यात्रियों के कोटे में कटौती को रोकने के लिए सऊदी अरब अधिकारियों से बातचीत शुरू करने का आग्रह किया है. अब्दुल्लाह ने कहा ‘सऊदी अरब द्वारा हज यात्रा से पहले भारत सहित 14 देशों के नागरिकों के लिए नए अल्पकालिक वीजा को निलंबित करना चिंता का विषय है’. उन्होंने पीएम से हस्तक्षेप करने की अपील की.
‘40,000 लोग हज करने से वंचित होंगे’
वहीं जम्मू कश्मीर एसोसिएशन ऑफ हज एंड उमरा कंपनीज के प्रमुख शेख फिरोज के अनुसार, सऊदी अरब की सरकार ने 52000 हज यात्रियों का कोटा काटकर केवल 10,000 कर दिया, यानी 40,000 हज यात्री हज करने से वंचित होंगे. वहीं अब टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर के पास सवाल यह भी खड़ा हो रहा है किस को ड्रॉप करें और किस को हज के लिए ले जाया जाए. उनका कहना है कि एक दिक्कत ये भी है कि बुजुर्ग हज यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा होती हैं और यह सुनिश्चित करना मुमकिन नहीं कि जिस हज यात्री को इस बार हज यात्रा से रोका जाए वह अगले साल जा पाएगा या नहीं. शेख फिरोज ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है.
हज की तैयारी कर रहे लोग हो रहे परेशान
वहीं हज यात्री की तैयारी कर रहे एक शख्स ने बताया कि वो पहले काफी खुश थे, लेकिन अब असमंजस में हैं कि लिस्ट में उनका नाम होगा या नहीं, वो हज पर जा पाएंगे कि नहीं. उन्होंने कहा कि काफी समय से वो हज पर जाने की तैयारी कर रहे थे, जब मौका आया तो सऊदी सरकार ने कटौती कर दी, जिससे अब उनके हज जाने पर जाने को लेकर संशय पैदा हो गया है.
सऊदी अरब के अधिकारियों द्वारा भीड़-नियंत्रण उपायों के तहत लिए गए निर्णय से करीब 52,000 भारतीय हज यात्री अपनी पवित्र यात्रा को लेकर असमंजस में हैं. हज 2025 के लिए जम्मू-कश्मीर से कुल 4,100 लोगों ने आवेदन जमा किए हैं. आधिकारिक विवरण के अनुसार, भारतीय हज समिति द्वारा आयोजित पहले ड्रा में 3,601 लोगों का चयन किया गया, जबकि महरम कोटे के तहत 21 अतिरिक्त महिलाओं को मंजूरी दी गई, जिससे जम्मू-कश्मीर से पुष्टि किए गए यात्रियों की कुल संख्या 3,622 हो गई. पिछले साल, जम्मू-कश्मीर को 8,345 हज स्लॉट का कोटा मिला था. हज समिति को 8,147 आवेदन प्राप्त हुए और 7,008 लोगों को तीर्थयात्रा की सुविधा प्रदान की गई.