
महाराष्ट्र सरकार ने धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए लगभग 256 एकड़ नमक भूमि के आवंटन को मंजूरी दे दी है. यह भूमि मुलुंड, कांजुरमार्ग और भांडुप क्षेत्रों में स्थित है और इस भूमि पर ‘अयोग्य’ धारावी निवासियों का पुनर्वास किया जाएगा. कुछ लोगों ने पर्यावरणीय आधार पर इस प्रस्ताव का विरोध किया है,
डीआरपी (धारावी पुनर्विकास परियोजना) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसवीआर ने गुरुवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह सारी जमीन पूर्वी एक्सप्रेसवे के पश्चिम में है और पिछले कई वर्षों से समुद्र के संपर्क से बाहर है तथा विकास के लिए पूरी तरह सुरक्षित है.
इसके अलावा, नमक उत्पादन के लिए इन जमीनों के उपयोग को भारत के नमक आयुक्त द्वारा आधिकारिक तौर पर रोक दिया गया है. यहां दस वर्षों से अधिक समय से नमक का उत्पादन नहीं हुआ है. ईस्टर्न एक्सप्रेसवे के बाद से समुद्र का पानी इस क्षेत्र में नहीं पहुंचा है. श्रीनिवास ने बताया, “इसलिए, यहां सस्ते आवास परियोजना का निर्माण करना किसी भी तरह से खतरनाक नहीं है.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये भूमि सीआरजेड (तटीय विनियमन क्षेत्र) क्षेत्र में नहीं आती है.
कानूनी प्रक्रियाओं का सख्ती से होगा पालन
उन्होंने बताया, “जिस क्षेत्र में प्रवासी पक्षी, जैसे कि फ्लेमिंगो, खाड़ी और जलमार्गों पर आते हैं, वह पूर्व की ओर है. हमारे पास जो जमीन है, वह पश्चिम की ओर है और न तो जलमार्गों के पास है और न ही पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में है. इसलिए, किसी भी परियोजना के लिए निर्माण शुरू करने से पहले सभी आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त की जाएगी. सभी कानूनी प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन किया जाएगा.”
मुंबई का पुनर्विकास नमक की भूमि के उपयोग के बिना संभव नहीं है. विकास योजना 2034 के अंतर्गत इन भूमियों को किफायती आवास के निर्माण के लिए आरक्षित किया गया है. इस योजना को 2018 में मंजूरी दी गई थी. इस समय शिवसेना (एकनाथ शिंदे समूह और उद्धव बालासाहेब ठाकरे समूह) महानगरपालिका और राज्य सरकार में सत्ता में थी. इससे पहले 2007 में, कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने भी परियोजना पीड़ितों के पुनर्वास के लिए 2,000 हेक्टेयर साल्टपैन भूमि का उपयोग करने का प्रस्ताव दिया था.
धारावी पुनर्विकास परियोजना को लेकर कही ये बात
वर्तमान में, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क विभाग वडाला में 55 एकड़ साल्टपैन भूमि पर एक कार्यालय और स्टाफ क्वार्टर का निर्माण कर रहा है. इसके अलावा, मेट्रो लाइन 6 (विक्रोली से स्वामी समर्थ नगर/लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स) के लिए कांजुरमार्ग में 15 एकड़ साल्टपैन भूमि दी गई है.
गौरतलब है कि पिछली महा विकास अघाड़ी सरकार ने भी मेट्रो की चार लाइनों के लिए एक संयुक्त कार शेड बनाने के लिए कंजूर में इन्हीं नमक के बागानों की भूमि का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा था. इस कार शेड में मेट्रो लाइन 3 (कोलाबा से सीप्ज़), लाइन 4 (कासरवडावली से वडाला), लाइन 6 और लाइन 14 (कंजूर से अंबरनाथ) शामिल थीं.
इस संदर्भ में डीआरपी के साझेदार एनएमडीपीएल के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया, जब मेट्रो कार शेड के लिए साल्टपैन भूमि का उपयोग करना उचित माना गया, तो गरीबों के लिए घर बनाना गलत क्यों है? इसलिए, उन्होंने यह राय व्यक्त की है कि “जो लोग साल्टपैन भूमि के खिलाफ बोलते हैं, उनमें मुंबई के भविष्य के लिए दूरदर्शिता का अभाव है.