बंगाल में ‘राम’ के सहारे चुनावी जमीन मजबूत कर रही BJP, ममता बनर्जी ने 2026 के लिए क्या बिछाई रणनीति?

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, बीजेपी और टीएमसी के बीच सियासी टकराव बढ़ते जा रहे हैं. बीजेपी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की सियासी जंग फतह करने के लिए एजेंडा सेट करना शुरू दिया है तो टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी अपनी सत्ता को बचाए रखनी की कवायद में है. ऐसे में बीजेपी राम के नाम पर हिंदुत्व की बिसात बिछानी शुरू कर दी है. इस बार के रामनवमी के मौके पर बीजेपी ने बंगाल में सैकड़ों शोभा यात्राएं निकाल कर सियासी संकेत दे दिए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि बीजेपी के आक्रामक हिंदुत्व के दांव को ममता बनर्जी कैसे काउंटर करेगी?

देश की सत्ता पर बीजेपी तीसरी बार काबिज है, लेकिन बंगाल में अभी तक कमल नहीं खिल सका है. नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी को जरूर बंगाल में उम्मीद की किरण दिखी, जिसके चलते 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी के सियासी दुर्ग में बीजेपी अपनी राजनीतिक बेस को बनाने की एक्सरसाइज शुरू कर दी है. बीजेपी ने जिस भगवान राम के नाम पर उत्तर भारत में भगवा ध्वज फहराया है, उसी राम नाम के पर बंगाल को फहत करने की स्ट्रैटेजी बनाई है, जिसकी झलक रामनवमी पर दिख गई है.

रामनवमी पर बीजेपी ने भरी हुंकार
रामनवमी के मौके पर बीजेपी बंगाल में किस मुद्दे पर चुनाव लड़ना है, उसके स्पष्ट संकेत दे दिए हैं. बीजेपी, आरएसएस और अन्य हिंदूवादी संगठनों ने पश्चिम बंगाल में तकरीबन 2000 शोभा यात्राएं निकालीं. इनमें हजारों की तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया, जिसके चलते रामनवमी पर बंगाल की सड़कें पूरी तरह भगवामय हो गई. बीजेपी नेत्री अग्निमित्रा पॉल तलवार के साथ जय श्री राम के नारे लगाते हुए कहा था कि राम शोभा यात्रा के लिए हम किसी भी परमीशन के मोहताज नहीं हैं. सिर्फ पुलिस को INTIMATION करना होता है. राम शोभा यात्रा धूम-धाम से निकलेगी. कोई पुलिस प्रशासन अवरोध पैदा करे तो आप दीदी-भाई को फोन कर दीजिए.

बीजेपी नेता अर्जुन सिंह ने सीधे तर पर कहा कि ममता बनर्जी सनातनियों का अपमान कर रही है. कह रही हैं कि राम शोभा यात्रा की वजह से दंगा होगा? आप सीएम हैं और आप दंगा होगा कैसे कह सकती हैं? आप सनातनी को दंगाबाज बता रही है?आपको शर्म आनी चाहिए, आपको सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. बीजेपी नेताओं ने ममता बनर्जी को हिंदू विरोधी कठघरे में खड़े करते हुए निशाना साधा. रामनवमी पर बीजेपी और हिंदू संगठनों ने शोभा यात्रा निकालकर राजनीतिक संकेत पूरी तरह से साफ और स्पष्ट कर दिए हैं कि आगामी चुनाव में किस एजेंडे के साथ उतरेंगे.

पिछले 7 साल से रामनवमी राजनीति का नया हथियार बना हुआ है. बीजेपी इस बाखूबी तरीके से इस्तेमाल करना जानती है. इस बार इस विवाद में सियासी शोर है. मालदा के मोथाबाड़ी में रामनवमी रैली रिहर्सल के दौरान बवाल हुआ था. उसी का हवाला देते हुए बीजेपी ममता सरकार पर वार कर रही है. बीजेपी के इसी प्लान के खिलाफ टीएमसी ने भी अपनी पूरी तैयारी कर रखी थी. रामनवमी पर तनाव को देखते हुए पश्चिम बंगाल में व्यापक पुलिस बंदोबस्त किए थे, चप्पे-चप्पे पर पुलिस लगा रखी थी. कोलकता पुलिस कमिश्नर ने रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमने पिछले 2 महीने से हम फीडबैक ले रहे थे. उसके हिसाब से पुलिस बल को तैनात किया गया है. सभी ने शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार मनाया.

राम मंदिर की रखी गई आधारशिला
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता और नंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पूर्वी मेदिनीपुर जिले के सोनाचूरा गांव में राम मंदिर की आधारशिला रखकर साफ कर दिया है कि उनकी और पार्टी की सियासत किस दिशा में आगे बढ़ेगी. नंदीग्राम का सियासी और ऐतिहासिक महत्व है, क्योंकि यह साल 2007 के भूमि अधिग्रहण विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र था, जहां हुई गोलीबारी में कम से कम सात प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी. जय श्री राम (भगवान राम की जय) के गूंजते के नारों के बीच भगवा वस्त्र पहने बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने शहीद मीनार से सोनाचूरा में प्रस्तावित मंदिर स्थल तक एक रैली का नेतृत्व किया.

पश्चिम बंगाल में भले ही रामायण की प्रमुख घटनाएं सीधे तौर पर नहीं घटित हुई हों, लेकिन यहां कुछ ऐसे स्थल हैं जो रामायण काल से जुड़े हुए माने जाते हैं या जिनका संबंध भगवान राम या फिर हनुमान से हैं. सुश्रवण (सुश्रवणगढ़) बर्दवान ज़िला में स्थित है. माना जाता है कि यह स्थान सुग्रीव के भाई बाली द्वारा शासित था. कुछ मान्यताओं के अनुसार, राम और सुग्रीव के बीच गठबंधन का संदर्भ यहां मिलता है. इसके अलावा गंधेश्वरी मंदिर मुकरा, बांकुड़ा जिला में स्थित है. यह स्थान गंधमादन पर्वत से जुड़ा माना जाता है, जहां से हनुमान संजीवनी बूटी लाने निकले थे. यहां एक प्राचीन गंधेश्वरी देवी का मंदिर है और हनुमान जी की पूजा भी होती है. इसके अलावा गिरिधारीपुर बीरभूम जिला में है. एक किवदंती है कि राम यहां वनवास काल में कुछ समय के लिए ठहरे थे.

बीजेपी का ममता कैसे करेंगी काउंटर
बीजेपी जिस तरह से ममता बनर्जी को हिंदुत्व के मुद्दे पर घेरने में जुटी है और भगवान राम के नाम पर सियासी बिसात बिछानी शुरू की है. उसके जवाब में ममता बनर्जी बंगाल की अस्मिता का मुद्दा बना सकती है. 2021 के विधानसभा चुनाव में भी ममता बनर्जी ने बीजेपी के हिंदुत्व पॉलिटिक्स के सामने मां, माटी और मानुष के भरोसे सियासी जंग फतह करने में कामयाब रहीं. बीजेपी 2026 के चुनाव में जिस तरह हिंदुत्व के मुद्दे को धार देने में जुटी है, उसके चलते माना जा रहा है कि ममता बनर्जी फिर से पूराने बंगाल अस्मिता वाले हथियार का इस्तेमाल कर सकती हैं. इस बार रामनवमी पर जिस तरह से कानून व्यवस्था को बनाए रखा और शोभा यात्रा के दौरान किसी तरह की कोई अनहोनी नहीं हुई, टीएमसी इसे अपनी सफलता बता रही है.

ममता बनर्जी ने पिछले चुनाव को ‘बंगाली बनाम बाहरी’ की लड़ाई का सियासी रंग दिया था. ममता बनर्जी ने खुद को बंगाली और बीजेपी नेताओं को बाहरी कहकर बंगाल की जनता को आगाह करने की कोशिश करती नजर आईं थी. ममता ने कहा कि बंगाल गुजरात या यूपी नहीं है. बंगाल, बंगाल है. कुछ बाहरी गुंडे यहां आ रहे हैं. टीएमसी फिर कह रही है कि 2026 विधानसभा चुनाव के दौरान विकास के अलावा बंगाली अस्मिता हमारा मुख्य चुनावी मुद्दा होगा. बंगाली अस्मिता केवल बंगालियों के बारे में नहीं है इसमें सभी भूमि पुत्रों के लिए अपील है. ऐसे में साफ है कि बीजेपी के हिंदुत्व को काउंटर करने के लिए ममता बनर्जी बंगाल अस्मिता के मुद्दे को फिर से उठा सकती हैं?

 

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