
आज का यह पावन दिन सम्पूर्ण भारतवर्ष के लिए श्रद्धा, भक्ति और प्रेरणा का दिन है। आज हम सब श्रीराम नवमी का उत्सव मना रहे हैं — वह शुभ अवसर जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का इस धरा पर अवतरण हुआ। यह दिन केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि हमारे जीवन मूल्यों, आचरण, और सामाजिक समरसता का प्रतीक है।
भगवान श्रीराम का जीवन एक आदर्श जीवन है — एक पुत्र का कर्तव्य, एक भाई की निष्ठा, एक पति की मर्यादा, एक राजा का धर्म और एक मनुष्य के रूप में उच्चतम चरित्र का प्रतिबिंब। रामायण के प्रत्येक पृष्ठ पर राम का संयम, धैर्य, और न्यायप्रियता हमें यह सिखाती है कि व्यक्ति का वास्तविक बल उसकी नीति, उसकी नीयत और उसके व्यवहार में होता है।
आज जब हम आधुनिक जीवन की दौड़ में नैतिक मूल्यों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं, तब रामनवमी हमें याद दिलाती है कि राम केवल पूजा के पात्र नहीं हैं, वे आचरण के आदर्श हैं। यदि हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं — चाहे वह परिवार में हो, कार्यक्षेत्र में हो, या समाज में — तो जीवन में संतुलन, शांति और समृद्धि अपने आप आ जाएगी।
इस पावन अवसर पर मैं, शरद कुमार सिन्हा समूह सम्पादक के रूप में, आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। ईश्वर करे कि यह दिन आपके जीवन में सुख, शांति और सद्बुद्धि लेकर आए। हम सब मिलकर समाज में एक ऐसा वातावरण बनाएं जहाँ सत्य, सेवा, और सदाचार की महक हो।
आइए, आज के दिन हम यह संकल्प लें कि हम श्रीराम के आदर्शों को केवल मंदिरों में नहीं, बल्कि अपने व्यवहार और कर्मों में भी स्थान देंगे। यही भगवान राम के प्रति सच्ची श्रद्धा होगी।
अंत में, प्रभु श्रीराम से यही प्रार्थना है कि वे हम सबको शक्ति दें — सही राह पर चलने की, समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने की, और अपने भीतर के रावण को हराने की।
जय श्रीराम!
[समूह सम्पादक शरद कुमार सिन्हा ]