पार्लियामेंट के बाद अब क्या होगा? क्यों एकसाथ लागू नहीं हो पाएगा ‘वक्फ संशोधित कानून’?

संसद से वक्फ बिल पास हो चुका है. बिल कई प्रावधान किए गए हैं. वहीं राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक जल्द कानून बन जाएगा. बता दें कि वक्फ बिल का कई जगहों पर विरोध भी हो रहा है. संसद के दोनों सदन राज्यसभा और लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पास हो चुका है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा. वहीं इसकी मंजूरी के बाद वक्फ कानून में यह सब शामिल होगा.

Waqf Bill 2025: संसद से वक्फ बिल पास हो चुका है. बिल कई प्रावधान किए गए हैं. वहीं राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक जल्द कानून बन जाएगा. बता दें कि वक्फ बिल का कई जगहों पर विरोध भी हो रहा है. संसद के दोनों सदन राज्यसभा और लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पास हो चुका है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा. वहीं इसकी मंजूरी के बाद वक्फ कानून में यह सब शामिल होगा.

कब बनेगा कानून?
सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड फुजैल अहमद अय्यूबी के मुताबिक वक्फ कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद एक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, जिसमें इसके लागू होने की तारीख के बारे में बताया जाएगा. एडवोकेट के मुताबिक उस तिथि के बाद से कानून शंसोधित हो जाता है यह देश का कानून बन जाता है.

नामित अधिकारी की जरूरत होगी
अय्यूबी के मुताबिक बिल में मूल अधिनियम के तहत कई धाराएं निरस्त की गई हैं, जैसे पहले वक्फ सपंत्ति का निर्धारण करने का अधिकार केवल वक्फ बोर्ड के पास था, लेकिन अब यह हट गया है. इसे जल्द लागू किया जाएगा. अब कलेक्टर की ओर से जांच प्रक्रिया और नियमों में स्पष्टता की जरूरत होगी. इन नियमों को तैयार करने के लिए थोड़े समय की जरूरत होगी. अय्यूबी के मुताबिक अब सरकारी संपत्तियों के लिए एक नामित अधिकारी की जरूरत होगी. नियमों में इसकी जानकारी जरूर दी जाएगी कि यह अधिकारी कौन होगा और उसका अधिकार क्षेत्र और कार्यकाल क्या होगा.

इस नियम की पड़ेगी जरूरत
इसके अलावा अब सर्वेक्षण के लिए कलेक्टर को डीटेल में गाइडलाइन दी जाएगी. अय्यूबी ने कहा,’ सर्वेक्षण अब कलेक्टर के हाथों में है. ऐसे में जांच कैसे की जाएगी यह बताने के लिए नियमों की जरूरत पड़ेगी. वहीं अब वक्फ संपत्तियों से जु़ड़े आवेदन प्रस्तुत करने के लिए अलग फॉर्मेट को लेकर भी नियम बनाया जाएगा. उन्होंने कहा,’ एप्लीकेशन के लिए फॉर्मेट, जो निर्दिष्ट करेगा कि किसी संपत्ति को नामित करने की आवश्यकता है, पहले से ही सेक्शन 3 A, 3B और 3C में आउटलाइन किया गया है, लेकिन फॉर्म को अंतिम रूप देने के लिए आगे के नियमों की जरूरत पड़ेगी.’

 

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