
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल और स्लोवाकिया की यात्रा पर जाएंगी. द्रौपदी मुर्मू पिछले 27 बाद पुर्तगाल की यात्रा पर जाएंगी. पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर 7-8 अप्रैल को पुर्तगाल की राजकीय यात्रा पर रहेंगी. विदेश मंत्रालय (MEA) के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मू चार दिनों दौरे के दूसरे चरण में स्लोवाकिया जाएंगी. 29 वर्षों में उनकी स्लोवाकिया की पहली ऐसी यात्रा होगी. 10 अप्रैल तक वो इन दोनों यात्राओं पर रहेंगी.
भारत के यूरोप के संबंध और जुड़ाव पहले से काफी अच्छे हो रहे हैं. इस लिहाज से यात्रा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. कुछ हफ्ते पहले ही, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और आयुक्तों के कॉलेज ने भारत का दौरा किया था. उस समय ये घोषणा की गई थी कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को इस साल अंतिम रूप दिया जाएगा.
मीडिया से बातचीत के दौरान विदेश मंत्रालय के सचिव तन्मय लाल ने राष्ट्रपति मुर्मू मुलाकातों को दो महत्वपूर्ण ऐतिहासिक यात्राएं कहा. उन्होंने कहा कि पुर्तगाल की यात्रा ऐतिहासिक है क्योंकि यह नई दिल्ली और लिस्बन के बीच राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ के जश्न के तौर पर है. राष्ट्रपति डी सूसा ने 2020 में भारत का दौरा किया, जबकि प्रधान मंत्री एंटोनियो कोस्टा 2019 में आए.
1988 में भारतीय राष्ट्रपति ने किया था दौरा
पुर्तगाल में राष्ट्रपति मुर्मू पुर्तगाल के प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो और नेशनल असेंबली (संसद) के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको से मुलाकात करेंगी. वह स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी और प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको के साथ द्विपक्षीय बैठकों में शामिल होंगी.
तन्मय लाल ने कहा कि राष्ट्रपति पुर्तगाल में भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगी और अलग-अलग विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के भारतीय शोधकर्ताओं से भी बातचीत करेंगी. उन्होंने कहा कि तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर. नारायणन ने 1998 में पुर्तगाल का दौरा किया था.
स्लोवाक कंपनिया कर रहीं भारत में इन्वेस्टमेंट
स्लोवाकिया में 6,000 भारतीय प्रवासी रहते हैं और खासतौर पर ये ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग और आईटी के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में बढ़त होगी. अधिकारियों ने बताया कि स्लोवाक कंपनियां भारत में स्टील निर्माण, आईटी हार्डवेयर और रक्षा क्षेत्रों में भी निवेश कर रही हैं.
राष्ट्रपति मुर्मू और राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगी. प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको से मुलाकात करेंगी. वह भारतीय समुदाय के सदस्यों को भी संबोधित करेंगी. अधिकारियों ने बताया कि 2022 में यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के दौरान स्लोवाकिया ने महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की थी. भारत-स्लोवाकिया संबंध व्यापक भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी संदर्भ में भी महत्व प्राप्त कर रहे हैं.