“पंजाब कांग्रेस में एकता की कवायद नाकाम? गुटबाज़ी पर हाईकमान की पकड़ ढीली”

पंजाब के लुधियाना (पश्चिम) में उपचुनाव आने वाले दिनों में होने जा रहा है. यहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर होने के आसार हैं. वहीं कांग्रेस ने 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. पंजाब कांग्रेस ने ‘जोड़ेगा ब्लॉक जीतेगी कांग्रेस’ अभियान शुरू किया है.

इस अभियान के तहत आज सुल्तानपुर लोधी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी रैली की गई, जिसमें पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेता शामिल हुए.

दूसरी तरफ एक और रैली हुई. यह रैली कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत सिंह के बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह ने की. इन्होंने 2022 के चुनाव में सुल्तानपुर लोधी से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.

सामने आई कांग्रेस की फूट
हाल ही में राणा गुरजीत और अन्य कांग्रेस नेताओं ने मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के खिलाफ आवाज उठाई थी. इसके बाद मामला हाईकमान तक पहुंचा था. हालांकि, पंजाब प्रभारी भूपेश बघेल ने भी मीडिया में सफाई देते हुए कहा था कि अध्यक्ष के खिलाफ कोई बगावत नहीं है, बल्कि पंजाब कांग्रेस एकजुट है. उन्होंने अगले चुनाव में जीत का दावा भी किया था.

2022 में भी हुई थी बगावत
विधानसभा चुनाव के दौरान राणा गुरजीत सिंह चाहते थे कि उनका बेटा सुल्तानपुर लोधी से चुनाव लड़े, जबकि कांग्रेस ने एक परिवार, एक टिकट की नीति अपनाई. इसके तहत राणा गुरजीत को तो टिकट मिल गया, लेकिन उनके बेटे राणा इंद्र प्रताप को टिकट नहीं मिला.

राणा इंदर ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और सुलतानपुर लोधी से कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर विधानसभा पहुंचे. आज की रैली को भी बगावत के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि, इस रैली में राणा गुरजीत सिंह की तस्वीर नहीं लगाई गई, लेकिन एक ही शहर में एक ही समय पर दो रैलियां होना कहीं ना कहीं कांग्रेस के अंदर चल रही उथल-पुथल को उजागर करता है.

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