मानसून से पहले रेखा सरकार की तैयारी: नहीं होगी दिल्ली पानी-पानी, जलभराव रोकने के लिए ये होगा एक्शन प्लान..

दिल्ली सरकार मानसून में होने वाली जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए काम में जुट गई है। विभाग अब पंप हाउस प्लांट ऑटोमेशन प्रबंधन प्रणाली स्थापित करेगा। दिल्ली के 43 अंडरपास आदि के आसपास कैमरे लगाए हैं। जहां निगरानी होगी।राजधानी में जलभराव रोकने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में विभाग अब पंप हाउस प्लांट ऑटोमेशन प्रबंधन प्रणाली स्थापित करेगा। इसके लिए निविदा जारी की गई है।

दिल्ली सरकार मानसून में होने वाली जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए काम में जुट गई है। विभाग अब पंप हाउस प्लांट ऑटोमेशन प्रबंधन प्रणाली स्थापित करेगा। दिल्ली के 43 अंडरपास आदि के आसपास कैमरे लगाए हैं। जहां निगरानी होगी।राजधानी में जलभराव रोकने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में विभाग अब पंप हाउस प्लांट ऑटोमेशन प्रबंधन प्रणाली स्थापित करेगा। इसके लिए निविदा जारी की गई है।

परियोजना पर 52 लाख खर्च किए जाएंगे। इसमें माइक्रोप्रोसेसर आधारित नियंत्रण पैनल, ऑनलाइन निगरानी, वायरलेस कनेक्टिविटी, वर्षा जल, डीवाटरिंग के लिए स्वचालन नियंत्रण और डाटा प्रणाली होगी। इनकी मदद से अधिक वर्षा होने पर पंप अपने आप चलने लगेंगे। सभी पंप हाउस की निगरानी भी हो सकेगी।पीडब्ल्यूडी का दावा है कि इन कदमों से इस बार मानसून में दिल्लीवासियों को जलभराव से काफी हद तक राहत मिलेगी। अधिकारियों का कहना है कि बारिश में पंप खराब होने के भी मामले सामने आते हैं। इसमें शाॅर्ट सर्किट से खराबी के मामले अधिक होते हैं। ऐसे में इस तरह की समस्या न हो इसके भी उपाए किए गए हैं।

साथ ही, विभाग ने राजधानी के 43 अंडरपास आदि के आसपास कैमरे लगाए हैं। बीते दिनों जलभराव रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की गई है। एसओपी सभी सबवे पर भी लागू होगी। नई व्यवस्था के तहत अभियंता जल पंपों के परिचालन की निगरानी रखेंगे व रखरखाव और समस्या निवारण करेंगे। नियंत्रण कक्ष संचालक वर्षा के आंकड़ों की निगरानी और जल पंपों को स्वचालित रूप से चालू करने के लिए जिम्मेदार होंगे। रखरखाव टीमें जल पंपों के नियमित रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगी। वर्षा की तीव्रता का पता लगाने के लिए सब-वे पर सेंसर लगाए गए हैं।पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने अधिकारियों को मानसून से पहले समयबद्ध तरीके से काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली के बजट में बाढ़ नियंत्रण के लिए 603 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिसमें से 315 करोड़ विशेष योजनाओं और 200 करोड़ रुपये नजफगढ़ नाले के सुधार के लिए रखे गए हैं।

ये होंगे इंतजाम
अभियंता व कर्मचारी मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से ही जल पंपों के प्रदर्शन की निगरानी करेंगे।नियंत्रण कक्ष संचालक यह सुनिश्चित करने के लिए सिस्टम और वर्षा डेटा की निगरानी करेंगे कि जल पंप सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं।किसी भी समस्या या अलार्म के मामले में रखरखाव टीम को सतर्क किया जाएगा।अभियंता कर्मचारी जल पंपों या नियंत्रण पैनल के साथ किसी भी समस्या की जांच और समस्या निवारण करेंगे।रखरखाव टीम नियमित रखरखाव कार्य करेगी, जैसे कि फिल्टर का सफाई कार्य।

प्रमुख जलभराव वाले स्थान
मूलचंद अंडरपास : यह क्षेत्र भारी बारिश में जलमग्न हो जाता है, जिससे यातायात प्रभावित होता है।
आईटीओ जंक्शन : व्यस्त चौराहे पर जल निकासी की समस्या के कारण पानी जमा हो जाता है।
नजफगढ़ रोड : नजफगढ़ नाले के आसपास के क्षेत्रों में जलभराव आम है।
धौला कुआं : यह इलाका भी जलभराव से प्रभावित होता है, जिससे जाम की स्थिति बनती है।
पूर्वी दिल्ली : आनंद विहार और गाजीपुर भी जलभराव के लिए संवेदनशील हैं।
कश्मीरी गेट : भारी बारिश में यहां पानी भरने की शिकायतें मिलती हैं।

जखीरा और मिंटो ब्रिज पर शुरू होगा काम
पीडब्ल्यूडी मानसून सीजन से पहले दो प्रमुख जलभराव वाले स्थानों जखीरा और मिंटो ब्रिज पर जल निकासी की समस्या दूर करने के लिए काम शुरू करने जा रहा है। जखीरा में अंडरपास पर नया नाला बनेगा। इसका निर्माण मौजूदा नाले को ध्वस्त करने के बाद होगा। मौजूदा नाला संकरा है, इसलिए बड़े और चौड़े नाले में पानी के प्रवाह को संभालने की अधिक क्षमता होगी। मिंटो ब्रिज पर पीडब्ल्यूडी अंडरपास पर पंप स्टेशनों की ऊंचाई बढ़ाने का काम करेगा। मौजूदा ड्रेनेज के अलावा पानी के बहाव की गति बढ़ाने के लिए वैकल्पिक ड्रेनेज लाइन भी बनाई गई है।

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