
थाईलैंड और म्यांमार में आए भूकंप से भयंकर तबाही पर पीएम मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं. सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं. भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. इस संबंध में, हमने अपने अधिकारियों से तैयार रहने को कहा है. साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने की भी चर्चा की है.
म्यांमार, थाईलैंड और चीन की धरती भूकंप के तेज झटकों से हिल गई. तीनों देशों में भूकंप के कारण हड़कंप मचा हुआ है. खासतौर पर थाईलैंड और म्यांमार में इमारतें भरभराकर गिर गईं, घर मलबे में तब्दील हो गए. इस भूकंप का केंद्र म्यांमार रहा. ये 10 किलोमीटर की गहराई पर आया है. इस भूकंप का असर भारत के भी कुछ इलाकों में हुआ है.
म्यांमार में आए भूकंप की वजह से थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में तबाही का मंजर दिल दहलाने वाला है. 28 मार्च को म्यांमार में 7.7 और 6.4 तीव्रता के दो भूकंप आए, जिसका केंद्र शहर से सिर्फ 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में सागाइंग के पास स्थित था.
थाईलैंड में उड़ानें रद्द
भूकंप की तबाही के कारण थाईलैंड में उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. बैंकॉक में इमरजेंसी लगा दिया गया है. म्यांमार में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. इमारतों के गिरने की वजह से अभी थाईलैंड में कई लोग लापता हैं. वहां की रेस्क्यू टीमों की तरफ से राहत और बचाव कार्य किए जा रहे हैं.
पुलिस ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि वे बैंकॉक के लोकप्रिय चतुचक मार्केट के पास घटनास्थल मौजूद थे उन्हें इस बात की तत्काल कोई जानकारी नहीं थी कि भूकंप के समय साइट पर कितने मजदूर मौजूद थे. भूकंप की वजह से म्यांमार में हजारों लोगों की मरने की आशंका जताई जा रही है.