कातिल दुल्हन पर नया खुलासा: शातिर निकली मासूम चेहरे वाली प्रगति, पड़ोसी से प्यार, दीदी के देवर पर भी डाले डोरे..

इंटर तक की पढ़ाई कर चुकी प्रगति अपने घर में ही रहती थी। पड़ोसी अनुराग से वह पिछले करीब चार साल से प्यार की पींगें बढ़ा रही थी। इंटर पास करके दिबियापुर कस्बा में अपनी मौसी के यहां रहती थी। मासूम चेहरे वाली प्रगति इस कदर शातिर होगी, किसी को इसका अंदाजा नहीं था। घर में गुमसुम रहने वाली प्रगति ने न सिर्फ पड़ोसी से प्यार की पींगें बढ़ाई, बल्कि दीदी के देवर पर डोरे डालकर उसे भी अपने करीब ले आई। दिल उसका प्रेमी से ही लगा रहा, लेकिन शादी करने का फैसला दीदी के देवर से किया। पति की मौत की सूचना मिलने पर दहाड़ मारकर रोने वाली प्रगति के आंसू में पति का खून भी शामिल है, इसकी किसी को भनक नहीं थी। हालांकि, अब जब हकीकत सामने आई है तो मायके से लेकर ससुराल तक सभी सदमे में हैं।

Auraiya Murder Case Update: इंटर तक की पढ़ाई कर चुकी प्रगति अपने घर में ही रहती थी। पड़ोसी अनुराग से वह पिछले करीब चार साल से प्यार की पींगें बढ़ा रही थी। इंटर पास करके दिबियापुर कस्बा में अपनी मौसी के यहां रहती थी। मासूम चेहरे वाली प्रगति इस कदर शातिर होगी, किसी को इसका अंदाजा नहीं था। घर में गुमसुम रहने वाली प्रगति ने न सिर्फ पड़ोसी से प्यार की पींगें बढ़ाई, बल्कि दीदी के देवर पर डोरे डालकर उसे भी अपने करीब ले आई। दिल उसका प्रेमी से ही लगा रहा, लेकिन शादी करने का फैसला दीदी के देवर से किया। पति की मौत की सूचना मिलने पर दहाड़ मारकर रोने वाली प्रगति के आंसू में पति का खून भी शामिल है, इसकी किसी को भनक नहीं थी। हालांकि, अब जब हकीकत सामने आई है तो मायके से लेकर ससुराल तक सभी सदमे में हैं।

इंटर तक की पढ़ाई कर चुकी प्रगति अपने घर में ही रहती थी। पड़ोसी अनुराग से वह पिछले करीब चार साल से प्यार की पींगें बढ़ा रही थी। इंटर पास करके दिबियापुर कस्बा में अपनी मौसी के यहां रहती थी। वहां आने-जाने के दौरान वह जमाने की नजरों से बचकर भी अनुराग से मिला करती थी। बड़ी और महंगी गाड़ियों के शौकीन अनुराग की लाइफ स्टाइल पर फिदा प्रगति ने कभी किसी को अपने प्यार की भनक नहीं लगने दी। उसके परिवार का तर्क है कि वह अक्सर अपनी बड़ी बहन पारुल से मिलने उसके ससुराल मैनपुरी के भोगांव थाना के नगला-दीपा गांव जाती थी। वहीं उसकी नजरें दीदी के देवर दिलीप से टकरा गईं। अनुराग से प्रेम प्रसंग के बावजूद उसने दिलीप पर डोरे डाले। दोनों की जिद के आगे दोनों के ही परिवारों ने भी रजामंदी दे दी।

दिलीप धूमधाम से पांच मार्च को प्रगति संग सात फेरे लेकर उसे अगले दिन छह मार्च को अपनी दुल्हन बनाकर अपने घर ले गया। वहां वह सिर्फ पांच दिन ही रही और शादी के बाद पहली होली मायके में मनाने के लिए 10 मार्च को वापस आ गई। पहले से ही दिलीप से अलग होने का मन बना चुकी प्रगति ने यहां आकर प्रेमी अनुराग से 17 मार्च को एक होटल में मुलाकात की और पति दिलीप को रास्ते से हटाने का खाका तैयार किया। अब जब उसकी कारिस्तानी सामने आ चुकी है तो मायके से लेकर ससुराल तक कोहराम मचा हुआ है।
न सात फेरे की लाज रखी न सुहाग के जोड़े की

अपने मेहंदी रचे हाथों से प्रगति ने जिस कारिस्तानी को अंजाम दिया और दिलवाया उसने सभी को झकझोर दिया। पूरा परिवार, गांव, ससुराल गम में डूबे हैं। प्रेमी के साथ खुद तो सलाखों के पीछे गई, परिवार को भी कभी न भूलने वाली टीस दे गई। गांव के ही युवक के प्रेम में अंधी होकर अपने ही सुहाग को खत्म करने वाली इस नवब्याहता की कारिस्तानी ने मायके को पूरी दुनिया के सामने रुसवा कर दिया। उनके होठों की चुप्पी से बेटी की करतूत का गुस्सा जाहिर हो रहा है। सूनी आंखों में उसके लिए नफरत का सागर हिलोरें लेता दिख रहा है। गांव वाले कहते हैं कि उसने ऐसा किया ही क्या है कि उसके बारे में बात की जाए। बेटियां दुल्हन के जोड़े में ससुराल जाकर मायके का मान बढ़ाती हैं, इसने अपने ही सुहाग का कत्ल करके न सात फेरों की लाज रखी न ही उस सुर्ख जोड़े का, जिसमें उसे विदा किया गया था।

गांव में पड़ोसी हैं प्रगति और अनुराग
औरैया सदर तहसील का छोटा सा गांव है सियापुर। भाग्यनगर ब्लॉक और फफूंद थाना की सीमा क्षेत्र में आने वाले इस बेहद छोटे से गांव में ही सिर्फ यादव बिरादरी के ही 25 परिवारों का घर है। कुल आबादी 80 लोगों की है। उनमें से कुछ आपस में रिश्तेदार हैं। अपनी ही मांग का सिंदूर खुद से पोछने वाली प्रगति और उसका प्रेमी अनुराग इसी गांव के निवासी हैं। प्रगति का मकान गांव के मेन रोड पर दो मंजिला है। उसके मकान के ठीक पीछे उसके प्रेमी अनुराग व उसके चाचा का मकान है। प्रगति का मकान दखलीपुर पंचायत की सीमा में आता है, जबकि बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर अनुराग का मकान पीहरपुर पंचायत में पड़ता है। आसपास रहने वाले यह लोग अलग-अलग पंचायतों के वोटर हैं।

गांव में हर जुबान पर थी दोनों की प्रेम लीला
भले ही अब प्रगति के परिवार के लोग यह कह रहे हैं कि उन्हें प्रगति और अनुराग के बीच प्रेम संबंध की जानकारी नहीं है, लेकिन गांव के लोग दबी जुबान से बता रहे हैं कि दोनों में नजदीकियां थीं। प्रगति के माता-पिता गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। इसलिए उन तक इसकी जानकारी नहीं थी। तीन बड़े भाइयों में दो शादीशुदा आलोक राजस्थान के भिलवाड़ा में एक कंपनी में नौकरी के सिलसिले में गांव में कम रहता है। दूसरा बड़ा भाई आशुतोष मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक है। वह भी अपने परिवार के साथ वहां रहता है। तीसरा भाई संतोष अविवाहित है।

प्रगति के लाल जोड़े से हथकड़ी पहनने तक का सफर
■ पांच मार्च को प्रगति और दिलीप की दिबियापुर कस्बा के एक गेस्ट हाउस में धूमधाम से शादी हुई।
■ 06 मार्च को प्रगति लाल जोड़े में दिलीप की जीवन साथी बनकर ससुराल मैनपुरी के भोगांव पहुंची।
■ 10 मार्च को होली के त्योहार के मद्देनजर अपने मायके सियापुर आ गई।
■ 17 मार्च को मौसी के घर जाने की बात कहकर प्रेमी अनुराग से मिलने औरैया के होटल में पहुंची।
■ 19 मार्च को प्रेमी अनुराग के कहने पर शूटर रामजी नागर ने प्रगति के पति दिलीप को गोली मारी।
■ 21 मार्च को पति की मौत पर उसके शव के साथ ही ससुराल मैनपुरी के भोगांव पहुंची।
■ 24 मार्च को पुलिस ने प्रगति को अपने पति की हत्या करवाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

कोरोना काल में अनुराग और प्रगति के बीच प्यार चढ़ा परवान
कोविड काल साल 2020 में सियापुर गांव में प्रगति का पड़ोसी अनुराग से प्रेम प्रसंग शुरू हुआ। चार साल के लंबे प्रेम संबंध में दौलत और शोहरत का रंग चढ़ा। इसके लिए प्रगति ने अपने जीजा के छोटे भाई दिलीप से नजदीकी बढ़ाई।

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