
अमेठी सिटी। चैत्र नवरात्र के पहले दिन से ही हिंदू नववर्ष का आरंभ माना जाता है। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। इससे जगत में सुख-समृद्धि आएगी। 30 मार्च को कलश स्थापना के साथ ही व्रत व अनुष्ठान प्रारंभ होगा। इस बार चैत्र नवरात्र नौ नहीं, बल्कि आठ दिन के होंगे। यानी नवमी इस बार छह अप्रैल को होगी। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्र की पूजा का विशेष महत्व है। चैत्र नवरात्र की शुरुआत चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होगी है, जिसका समापन नवमी के दिन किया जाएगा है। यह नौ दिन मुख्य रूप से देवी के नौ रूपों की पूजा को समर्पित हैं। व्रती पूरे नवरात्र मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। इस दौरान व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। मां दुर्गा की पूजा से न केवल मानसिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि यह शरीर और आत्मा को भी शुद्ध करती है।
गौरीगंज के माधवपुर निवासी हेमंतदास महाराज ने बताया कि नवरात्र पर मां दुर्गा जब धरती पर आती हैं तो किसी न किसी वाहन से आती हैं। साथ ही उनके आगमन और प्रस्थान का वाहन तय होता है। हाथी को सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और सात अप्रैल को हाथी पर ही प्रस्थान करेंगी।