बीजेपी का साउथ मिशन: क्या रामनवमी पर रामेश्वरम से हिंदुत्व एजेंडे को मजबूती देंगे पीएम मोदी?

देश में सत्ता की हैट्रिक लगाकर पीएम नरेंद्र मोदी के अगुवाई में बीजेपी भले ही इतिहास रच चुकी है, लेकिन दक्षिण भारत की सियासी जमीन अभी भी उसके लिए बंजर बनी हुई है. मिशन साउथ में कमल खिलाने के लिए बीजेपी ही नहीं आरएसएस ने भी अपनी एक्सरसाइज शुरू कर दी है. संघ ने तीन दिनों तक बेंगलुरु में मंथन करने के बाद अब बीजेपी भी अपने राष्ट्रीय परिषद की बैठक बेंगलुरु में करने जा रही है. यही नहीं रामनवमी पर पीएम मोदी रामेश्वरम में पूजा-अर्चना करके हिंदुत्व की राजनीति को धार देते नजर आएंगे.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निशाने पर दक्षिण क्षेत्र के केरल, तमिलनाडु और पुंडुचेरी वो राज्य या केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. दक्षिण का सबसे बड़ा राज्य तमिलनाडु है. इसके बाद दूसरा बड़ा राज्य कर्नाटक है और फिर केरल का नंबर आता है. कर्नाटक में बीजेपी सत्ता में रह चुकी है, लेकिन बाकी जगह अभी तक कमल नहीं खिल सका है. यही वजह है कि बीजेपी तमिलनाडु और केरल दोनों ही राज्यों के लिए खास प्लान बना रही है. इसी मिशन को धार देने के लिए पीएम मोदी अगले महीने रामनवमी में तमिलनाडु पहुंच रहे हैं.

रामेश्वरम से PM मोदी देंगे हिंदुत्व को धार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल को होने वाले एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में तमिलनाडु के रामेश्वरम में रामनवमी के अवसर पर पूजा-अर्चना के साथ रामनाथस्वामी मंदिर का दौरा करेंगे. रामेश्वरम स्थित रामनाथस्वामी मंदिर एक प्राचीन मंदिर है और यह भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है. यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है. रामनवमी के अवसर पर पीएम मोदी रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ नए पंबन ब्रिज का भी उद्घाटन करेंगे.

माना जाता है कि महाकाव्य रामायण के काल में रावण के साथ युद्ध के बाद भगवान राम ने पीठासीन देवता भगवान शिव की पूजा यहीं पर की थी. यहां पर मुख्य देवता भगवान रामनाथस्वामी लिंगम के रूप में विराजमान हैं. मंदिर के गर्भगृह में दो लिंगम हैं और 22 पवित्र तालाब हैं, जहां भक्त स्नान करते हैं, जिनमें अग्नि तीर्थम सबसे महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी मंदिर में पूजा-अर्चना करके सियासी संदेश देने की कवायद करेंगे. बीजेपी तमिलनाडु में लगातार अपनी सियासी जड़े जमाने के लिए बेताब है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भी पीएम मोदी ने दक्षिण भारत के कई मंदिर में पूजा करने के साथ माथा टेंकेंगे.

दक्षिण में कमल खिलाने का प्लान
पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी का दक्षिण में कमल खिलाने का इरादा कम नहीं हुआ है. अगले साल 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी अभी से सियासी बिसात बिछाने में जुट गई है तो पीएम मोदी मंदिर में माथा टेकर और विकास की सौगात देकर दक्षिण में बीजेपी के लिए सियासी माहौल बनाने में जुटे हैं. हालांकि, इतने से मिशन साउथ का सपना पूरा नहीं हो रहा है.

यही वजह है कि बीजेपी दक्षिण में अपने एनडीए गठबंधन के कुनबे को बढ़ाने की मुहिम के तहत तमिलनाडु में AIADMK के साथ फिर से गठबंधन का तानाबाना बुना जा रहा है तो केरल में भी बीजेपी अपने कुनबे को बढ़ाने की दिशा में है.

माना जा रहा है कि गठबंधन की रूपरेखा तय हो गई है, जिसकी किसी भी दिन औपचारिक ऐलान किया जा सकता है. इसके अलावा बीजेपी केरल में अपना नया प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर चुना है, जिनकी अगुवाई में 2026 का विधानसभा चुनाव लड़ा जाना है. बीजेपी का खाता केरल में खुल गया है, लेकिन तमिलनाडु में अभी भी चुनौती है. इसीलिए पीएम मोदी और अमित शाह ने केरल और तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए अभी से ही एक्टिव हो गए हैं.

बीजेपी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक
बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में होने जा रही है, जो 18 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच होगी. 2026 में केरल, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से बेंगलुरु की बैठक काफी अहम मानी जा रही है. इस बैठक में बीजेपी के नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगनी है और साथ ही 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव की रूपरेखना और एजेंडा भी तय किया जाना है. इस बैठक में देश के ज्वलंत मुद्दों के साथ बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्य के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के जीत की रणनीति बनाई जाएगी.

पश्चिम बंगाल और केरल की सियासी जमीन बीजेपी के लिए अभी भी पथरीली बनी हुई है तो बिहार में जेडीयू के सहारे की सत्ता का स्वाद चखती रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी जहां पर कभी भी सत्ता में नहीं आ सकी है, उन राज्यों में पार्टी के जीत के लिए इबारत बेंगलुरु में लिखी जाएगी. साल 2025 के आखिर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि 2026 में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं.

बीजेपी असम छोड़कर किसी भी राज्य में अभी तक अपने दम पर सत्ता में नहीं आ सकी है. बंगाल, केरल और तमिलनाडु की सियासी जमीन बीजेपी के लिए बंजर ही रही है, लेकिन संघ उसे उपजाऊ बनाने के लिए लगातार मेहनत कर रहा है. RSS की प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरु में हुई और अब बीजेपी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी बेंगलुरु में होने जा रही है. माना जा रहा है कि इस बैठक में ही दक्षिण को फतह करने की मजबूत इबारत लिखी जानी है.

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