
High Court: देश की न्यायपालिका समय-समय पर अपने फैसलों से नजीर पेश करती है. अदालत की टिप्पणी समाज को जाकरूक करने के साथ अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सचेत करती है. अपने हालिया फैसले में यूपी हाई कोर्ट ने पति-पत्नी के रिश्ते पर जो टिप्पणी की है, उसे सभी को ध्यान से पढ़ना चाहिए.इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम मामले की सुनवाई करते हुए, पति-पत्नी के रिश्ते को कानूनी दायरे में समझाया है. दरअसल उत्तर प्रदेश में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था, जहां एक पति ने अपनी पत्नी का प्राइवेट वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक पर पोस्ट कर दिया था. अब इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केस रद्द करने से इनकार कर दिया. सुनवाई के दौरान HC ने सोशल मीडिया पर अपना और पत्नी का अंतरंग वीडियो अपलोड करने के आरोपी के खिलाफ आपराधिक मामला रद्द करने से इनकार कर दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि विवाह पति को पत्नी पर स्वामित्व या नियंत्रण का मालिकाना हक नहीं देता है और न ही यह उसकी स्वायत्तता या निजता के अधिकार को कमजोर करता है.
शादी करके मालिक नहीं बन जाते: HC
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पति की याचिका खारिज करते हुए जस्टिस विनोद दिवाकर ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर अंतरंग वीडियो अपलोड करके आवेदक (पति) ने वैवाहिक संबंधों की पवित्रता को गंभीर रूप से भंग किया है. एक पति से अपेक्षा की जाती है कि वह पत्नी द्वारा उस पर जताए गए विश्वास, आस्था और भरोसे का सम्मान करेगा. यहां ऐसा नहीं हुआ. इस केस में ऐसी सामग्री को पब्लिक डोमेन में साझा करना पति-पत्नी के रिश्ते को कमजोर करता है.
‘गलत हरकत का बचाव नहीं कर सकते’
हाई कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया कि दोनो पति-पत्नी हैं और सुलह संभव है. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में ये भी कहा, ‘शादी के नाम पर गलत हरकत का बचाव नहीं किया जा सकता है.’
क्या है पूरा मामला?
यूपी की एक महिला ने आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत पति के ऊपर एफआईआर कराई थी. आरोप है कि पति ने उसकी जानकारी और सहमति के बिना अपने मोबाइल से अंतरंग संबंधों का अश्लील वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने के साथ वायरल करने की नीयत से पत्नी के रिश्तेदारों और अन्य लोगों से साझा किया था. इस कृत्य को लेकर महिला ने पति के खिलाफ मुकदमा लिखाया था.