“मुंबई में मराठी न बोलने पर MNS के समर्थकों ने दो लोगों को मारे थप्पड़, हुआ हंगामा”

राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को मुंबई में डी-मार्ट के एक कर्मचारी को मराठी में बात न करने पर कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.यह घटना अंधेरी (पश्चिम) के वर्सोवा में डी-मार्ट स्टोर में हुई.

मुंबई के वर्सोवा इलाके की जिस डी मार्ट में बीती शाम एक ग्राहक के साथ मराठी बोलने को लेकर विवाद हुआ था. वो आज काम पर नहीं आया. वो स्टोर मैनेजर के नीचे काम करता था. मंगलवार वो दूसरी शिफ्ट में काम पर आया था, लेकिन बुधवारअब तक काम पर नहीं आया है. वहीं इन दोनों पर अब इस मार्ट से जॉब से निकालने का भी डर पैदा हो गया है.

जानकारी के अनुसार जिस कर्मचारी और उनके साथ उसके जूनियर कमर्चारी को मराठी नहीं आती थीं और उसका ग्राहक के साथ यह विवाद हुआ था. वह मनसे का पदाधिकारी था. इसलिए उन्होंने अन्य पदाधिकारियों को बुलाया और मनसे स्टाइल में हंगामा किया.

मराठी में बात नहीं करने पर हंगामा
MNS पदाधिकारी जब सीनियर कर्मचारी के पास गए. वो हिंदी में बात करने लगे, तब MNS पदाधिकारी ने मराठी में बात करने के लिए कहा.

हालांकि सीनियर कर्मचारी ने मराठी में बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने रूखे स्वर में उत्तर दिया, “मैं मराठी नहीं बोलूंगा, केवल हिंदी बोलूंगा. “मैं केवल हिंदी में ही बात करूंगा, आप जो चाहें करें.” वह ग्राहक से सख्ती से कह रहा था, लेकिन ग्राहक ने मराठी बोलने पर जोर दिया. इस पर उन्होंने जवाब दिया, “अगर मैं मराठी में बात नहीं करूंगा तो आप क्या करेंगे? आपको क्या हो गया है?” वह हिंदी में उल्टा जवाब देने लगा. क्या आप मुझे मराठी सिखाने आए हैं?

कर्मचारियों को पीटा, फिर मंगवाई माफी
इसके बाद एमएनएस के लोगो ने मार्ट में जाकर इन दोनों कर्मचारियों की पिटाई की और इनसे मराठी में ही माफी भी मंगवाई.

वहीं, इस मामले में मार्ट के कर्मचारी या अधिकारी बात करने से मना करते रहे. इनका कहना है कि वो इस मामले में कुछ नही कहेंगे. पुलिस अपना काम करेगी, लेकिन अब तक पुलिस ने इस मामले में किसी की कोई गिरफ्तारी नहीं की है. जबकि आज महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर कैबिनेट मंत्री नितेश राणे ने ये जरूर कहा कि महाराष्ट्र में रहना है तो मराठी आना ही चाहिए

वही इस मामले में दो अन्य ग्राहकों का कहना था कि सबको मराठी जरूर आनी चाहिए और जिसे न आये वो कम से कम सीखने की बात करे. ये नहीं कि नही बोलेंगे और दादागिरी से बात करें.

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