“महाराष्ट्र सरकार का सख्त कदम, हुक्का पार्लर संचालित होने पर सस्पेंड होंगे स्थानीय पुलिस अधिकारी”

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में ई-सिगरेट और हुक्का के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है. इनके खिलाफ अब सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है. सरकार ने फैसला किया है कि अगर पुलिस अधिकारियों की जानकारी के बिना उनके संबंधित क्षेत्रों में हुक्का पार्लर चलते पाए गए तो उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा. इसके अलावा हुक्का पार्लर के मामलों में बार-बार अपराध करने वालों को भी गिरफ्तार किया जाएगा, जो पहले नहीं होता था.

मंगलवार (25 मार्च) को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हुक्का पीना एक स्टाइल स्टेटमेंट बन गया है. कई जगहों पर हुक्के में तंबाकू का इस्तेमाल किया जाता है. तो वहीं कुछ जगहों पर अन्य नशीले पदार्थों का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो कि सरासर गलत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ अभियान पहले से ही चल रहा है लेकिन अब सरकार ने फैसला किया है कि इस अभियान को और तेज किया जाएगा.

हुक्का पार्लरों और ई-सिगरेट की खपत में इजाफा
सदन में फडणवीस कांग्रेस विधायक विश्वजीत कदम और नाना पटोले और बीजेपी विधायक संजय केलकर को जवाब दे रहे थे, जिन्होंने राज्य भर में बढ़ते हुक्का पार्लरों और ई-सिगरेट की खपत में वृद्धि को लेकर सवाल उठाया था. कदम ने मांग की कि पूरे राज्य में कार्रवाई की जरूरत है, जबकि पटोले ने पुलिस विभाग पर हुक्का पार्लरों को चलने देने का आरोप लगाया.

कांग्रेस का पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
पटोले ने कहा कि इन लोगों पर कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार लोग ही खुद ही हुक्का पार्लरों को चलने दे रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार ऐसे पुलिस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई करेगी? जो इन चीजों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस के संरक्षण में ही हुक्का पार्लर चलाए जा रहे हैं जबकि पुलिस का काम इनको रोकना है.

‘पुलिस अधिकारियों पर होगी कार्रवाई’
पटोले के जवाब में गृह विभाग के प्रमुख फडणवीस ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि ड्रग्स या हुक्का पार्लरों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है और इसको लेकर किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा. सीएम ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हुक्का पार्लरों के संचालन के बारे में पुलिस अधिकारियों के अलावा किसी और ने जानकारी दी तो संबंधित क्षेत्र के कर्मियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सीधे निलंबित कर दिया जाएगा.

 

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