पश्चिमी यूपी में धीरेंद्र शास्त्री के साथ दिखेगी योगी की केमिस्ट्री

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल सियासी बिसात बिछाने में जुटी है तो धार्मिक एजेंडा सेट किए जाने लगे हैं. धार्मिक बाबाओं का दौरा शुरू हो गया है. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री यूपी के मेरठ में पहुंच रहे हैं. धीरेंद्र शास्त्री सीधे तौर पर बीजेपी के सदस्य नहीं हैं, लेकिन बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे को आगे ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. पश्चिमी यूपी में पहली बार धीरेंद्र शास्त्री की कथा होने जा रही है, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ के शिरकत करने की संभावना है.

पंडित धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा के लिए मेरठ के जागृति विहार एक्सटेंशन में पंडाल सज गया है, जिसमें एक लाख लोंगो के बैठने की व्यवस्था की गई है. धीरेंद्र शास्त्री की कथा कराने वाली कमेटी ने सीएम योगी से मुलाकात कर शिरकत करने का निवेदन किया था. सीएम योगी अपने आठ साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को घर-घर पहुंचाने की कवायद में जुटे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि 25 से 29 मार्च तक चलने वाले धीरेंद्र शास्त्री के हनुमंत कथा में सीएम योगी 28 या फिर 29 को अनुष्ठान में शामिल होने के लिए मेरठ आ सकते हैं.

हिंदुत्व के एजेंडे को धार देंगे धीरेंद्र शास्त्री
बाबा बागेश्वर अपनी कथा और प्रवचन के जरिए हिंदू राष्ट्र के एजेंडे को सेट करने में जुटे हैं. मुस्लिमों पर भी निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. उनके इस अंदाज के बीजेपी नेता भी मुरीद हो चुके हैं. बीजेपी से नजदीकी और उनके कैंसर अस्पताल के भूमि-पूजन और विवाह समारोह में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की मौजूदगी बताती है कि बीजेपी धीरेन्द्र शास्त्री को लेकर कितनी संजीदा है. इतना ही नहीं धीरेंद्र शास्त्री पूरी तरह से सीएम योगी की स्टाइल में हिंदुत्व के एजेंडे को धार देते नजर आते हैं.

धीरेंद्र शास्त्री देश के हिंदुओं को एक जुट करने का बीड़ा उठा रहा था. वो खुद कहते हैं दुनिया के 150 करोड़ हिंदुओं की लड़ाई लड़ रहे हैं और देश के सभी हिंदुओं को एकजुट करने के मिशन पर काम कर रहे हैं. धीरेंद्र शास्त्री ने पिछले दिनों कहा था कि हम सबको जात-पात के जंजाल से बाहर निकलना है. उन्होंने ये नारा दिया है कि जात-पात की करो विदाई, हम सब हिंदू भाई-भाई. हिंदुओं को एकजुट करने के उद्देश्य से बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 160 किलोमीटर लंबी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा भी कर चुके हैं. अब देश के अलग-अलग हिस्सों में कथा करके हिंदुत्व का एजेंडा सेट करते नजर आते हैं.

सीएम योगी के साथ धीरेंद्र शास्त्री की केमिस्ट्री
उत्तर प्रदेश की सत्ता पर भले ही बीजेपी काबिज हो, लेकिन प्रदेश की सियासत जाति के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है. नरेंद्र मोदी के नाम पर बीजेपी ने दलित-ओबीसी जातियों को एकजुट करने में सफल रही, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक फॉर्मूले के आगे पस्त पड़ गई है. इस तरह कास्ट पैटर्न पर हुए लोकसभा चुनाव ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी थी, जिसके बाद सीएम योगी ने ‘बंटोगे तो कटोगे, एक रहोगे तो सेफ रहोगे’ का नारा सेट कर हिंदुओं को एकजुट करने का दांव चला.

सपा से लेकर बसपा और कांग्रेस यूपी में जाति की बिसात पर 2025 की चुनावी जंग फतह करने का तानाबाना बुन रही है तो बीजेपी की रणनीति जातियों में बिखरे हुए हिंदुओं को एकजुट कर सत्ता पर अपना दबदबा बनाए रखने की है. आरएसएस भी लगातार इस कोशिश में लगा है कि जातियों में बिखरे हिंदुओं को एक साथ लाया जाए. सीएम योगी विधानसभा चुनाव 2027 की लड़ाई 80 बनाम 20 पर सेट करने की कवायद में है. इस कड़ी में धीरेंद्र शास्त्री ने मेरठ में कथा करने के लिए आ रहे हैं, लेकिन असल में यूपी में हिंदुओं को एकजुट करने पर योगी के 80-20 वाले फॉर्मूले को भी मजबूत करने का एजेंडे भी सेट करेंगे.

मेरठ से पश्चिमी यूपी को साधने का प्लान
पश्चिमी यूपी के मेरठ में धीरेंद्र शास्त्री की कथा का आयोजन मेरठ के 61 लोग मिलकर कर रहे हैं. 25 से 29 मार्च तक पांच दिनों तक चलने वाली कथा में तकरीबन 15 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जिसमें पश्चिमी यूपी के तमाम जिलों से लोग शामिल हो सकते हैं. मेरठ में रुद्रावतार हनुमान के चरित्र, उनकी जीवन लीलाओं के प्रसंग सुनाने का काम धीरेंद्र शास्त्री करेंगे. वो हर दिन दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक कथा सुनाएंगे. इस तरह मेरठ से पश्चिमी यूपी में हिंदुत्व का एजेंडा भी सेट करने की कवायद करेंगे.

पश्चिमी यूपी में मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में है, जो सियासी तौर पर काफी प्रभावी भी हैं. इसके चलते भी बीजेपी के लिए हिंदुत्व की पॉलिटिक्स को मजबूत करने का भी चैलेंज है, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव हो या फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सबसे ज्यादा नुकसान पश्चिमी यूपी के मुस्लिम बेल्ट में हुआ है. सपा के सियासी समीकरण को बिगाड़ने की स्ट्रैटेजी के तौर पर भी बीजेपी पश्चिमी यूपी को हिंदुत्व की प्रयोगशाला के तौर पर मजबूत करना चाहती है. विपक्ष का मानना है कि इसीलिए धीरेंद्र शास्त्री के प्रोग्राम कराए जा रहे हैं.

बीजेपी के राज्यसभा सदस्य डॉ.लक्ष्मीकांत बाजपेई ने कहा कि आस्था और धर्म के सवाल पर राजनीति नहीं करनी चाहिए, जो लोग राजनीति कर रहे हैं, वह मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए समर्पित लोग हैं. हिंदुत्व की अलख जगने से उनको तकलीफ होने वाली है, इसलिए उनका कष्ट बोल रहा है. विपक्षी पॉलिटिकल पार्टियों से संबंधित लोगों के कथा में आने के सवाल पर राज्यसभा सदस्य ने कहा कि जो भी कथा में आएगा, वो हिंदू बनकर आए. यहां कथा को सुनने वाला बनकर आए.

पंडित धीरेंद्र शास्त्री की वेस्ट यूपी में यह पहली कथा है. कई राज्यों से श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. धीरेंद्र शास्त्री यहां रुद्रावतार हनुमान के चरित्र और उनकी जीवन लीलाओं की कथा भक्तों को सुनाएंगे. आयोजकों ने कथा के संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उनके शिरकत करने की निवेदन किया गया. माना जा रहा है कि 28 या फिर 29 मार्च को मुख्यमंत्री योगी अनुष्ठान में शामिल होने के लिए मेरठ आ सकते. इस तरह योगी और धीरेंद्र शास्त्री की सियासी केमिस्ट्री हिंदुत्व की नई राजनीतिक बिसात बिछा सकती है.

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