
उन्नाव। जिम्मेदारों की अनदेखी से अतिक्रमण ने शहर के फुटपाथों और सड़कों को निगल लिया। हालात यह हैं कि बाजारों में पक्की दुकान वालों ने 100 से 200 रुपये प्रतिदिन में फुटपाथ तक बेच दिया है। त्योहारों और मेला होने पर रेट और बढ़ जाते हैं।शहर में अतिक्रमण का संजाल ऐसा फैला है कि सुबह के नौ बजे से रात नौ बजे तक 50 फीट चौड़ी सड़क सिर्फ 20 फीट की बचती है। कई दुकानदार फुटपाथ पर सामान भी रख लेते हैं। जगह न मिलने पर लोग सड़क पर ही वाहन खड़े कर देते हैं। इससे जाम की स्थिति बन जाती है। वाहन सवारों के साथ पैदल चलने वालों को भी मशक्कत करनी पड़ती है। बड़ा चौराहे से लेकर गांधी नगर तिराहे तक अतिक्रमण इस कदर है कि सुबह नौ बजे बाजार खुलते ही शहर जाम में जकड़ जाता है। आईबीपी चौराहा से गांधीनगर के बीच पांच मिनट की दूरी तय करने में 30 से 40 मिनट लगते हैं। सब्जी मंडी, सदर बाजार, बड़ा चौराहा, धवनरोड, छोटा चौराहा, काॅलेज रोड मोड़ तक यही हाल है।
10 करोड़ से बना था फुटपाथ
उन्नाव। नगर पालिका ने शहर में वर्ष 2019 में गांधी नगर तिराहा से कॉलेज रोड मोड़ तक 400 मीटर में रंगीन इंटरलाकिंग ब्रिक से फुटपाथ बनवाया था। सुबह-शाम टहलने और टेंपो, ऑटो, ई-रिक्शा का इंतजार करने वालों के लिए सीमेंट की बेंच भी लगाईं थीं। सभी बेंच के पास रोशनी के लिए लैंप लगवाए थे, लेकिन दुकानदारों ने इस फुटपाथ पर भी कब्जा कर लिया। (संवाद)
बोले जिम्मेदार
होली की वजह से शहर में अतिक्रमण अभियान नहीं चलाया गया है। रमजान के बाद सख्त कार्रवाई की योजना है। नोटिस देकर चेतावनी दी जाएगी। जिन लोगों को पहले नोटिस दिया जा चुका है, अगर वहां फिर अतिक्रमण मिला तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
– एसके गौतम, ईओ नगर पालिका
शहर में यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखने और जाम से निपटने के लिए सभी चौराहों, तिराहों पर अतिरिक्त यातायात पुलिस कर्मी और होमगार्ड लगाए जाएंगे। अतिक्रमण करने वालों को चेतावनी देंगे, फिर भी सुधार न होने पर नगर पालिका के साथ मिलकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।