Prayagraj : केपी ट्रस्ट चुनाव की फिर से होगी मतगणना, एसडीएम कोर्ट ने जारी किया आदेश..

एशिया के सबसे बड़े सामाजिक संगठन कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट (केपी ट्रस्ट) के चुनाव के लिए फिर से मतगणना होगी। इसके लिए एसडीएम सदर की अदालत ने आदेश जारी किया है। नायब तहसीलदारों की मौजूदगी में मतों की फिर से गणना होगी और परिणाम घोषित किया जाएगा। उप जिलाधिकारी सदर की अदालत ने कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट (केपी ट्रस्ट) चुनाव की फिर से मतगणना कराने का आदेश जारी किया है। एक सप्ताह के भीतर नामित अधिकारियों की मौजूदगी में मतों की फिर से गणना की जाएगी। एसडीएम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कायस्थ पाठशाला चुनाव 2023 के पूरे वोटों की पुनः मतगणना सहायक रजिस्ट्रार, सोसाइटीज के देख रेख में एक हफ्ते के अंदर कराई जाए। इसके बाद नए सिरे से परिणाम की घोषणा की जाए। संपूर्ण करवाई नायब तहसीलदार उत्तरी, सदर प्रयागराज के पर्यवेक्षण में होगा, जिसमें जो मत गिन गए थे और बचे हुए 148 मतों को पुनः गिना जाएगा।

एशिया के सबसे बड़े सामाजिक संगठन कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट (केपी ट्रस्ट) के चुनाव के लिए फिर से मतगणना होगी। इसके लिए एसडीएम सदर की अदालत ने आदेश जारी किया है। नायब तहसीलदारों की मौजूदगी में मतों की फिर से गणना होगी और परिणाम घोषित किया जाएगा। उप जिलाधिकारी सदर की अदालत ने कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट (केपी ट्रस्ट) चुनाव की फिर से मतगणना कराने का आदेश जारी किया है। एक सप्ताह के भीतर नामित अधिकारियों की मौजूदगी में मतों की फिर से गणना की जाएगी। एसडीएम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कायस्थ पाठशाला चुनाव 2023 के पूरे वोटों की पुनः मतगणना सहायक रजिस्ट्रार, सोसाइटीज के देख रेख में एक हफ्ते के अंदर कराई जाए। इसके बाद नए सिरे से परिणाम की घोषणा की जाए। संपूर्ण करवाई नायब तहसीलदार उत्तरी, सदर प्रयागराज के पर्यवेक्षण में होगा, जिसमें जो मत गिन गए थे और बचे हुए 148 मतों को पुनः गिना जाएगा।

कोर्ट ने सुरक्षित किया था फैसला
कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट के चुनाव को लेकर एसडीएम सदर कोर्ट में चल रही सुनवाई में फैसला सुरक्षित कर लिया था। ट्रस्ट के चुनाव के लिए 25 दिसंबर 2023 को मतदान हुआ था। चुनाव अध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्य के लिए हुआ था। दोनों पदों के लिए अलग-अलग बैलेट पेपर थे। मतदान के बाद इन्हें अलग-अलग निर्धारित बॉक्स में डालना था।

मतदान के अगले दिन अध्यक्ष पद के लिए मतगणना पूरी हुई थी। मतगणना के बाद डॉ. सुशील सिन्हा महज 18 मतों के अंतर से विजयी घोषित किए गए थे। अध्यक्ष तथा कार्यकारिणी सदस्यों के लिए पड़े मतों की गिनती के बाद 148 ऐसे बैलेट पेपर पाए गए, जो गलत बॉक्स में डाले गए थे। यानी 148 मतदाताओं ने अध्यक्ष पद के बैलेट पेपर कार्यकारिणी सदस्य के बॉक्स में डाले दिए।

इसकी वजह से इनकी गिनती नहीं की गई। हालांकि, यह संख्या कम या अधिक भी हो सकती है। दूसरे प्रत्याशी रहे चौधरी राघवेंद्र नाथ सिंह की ओर से इन मतों की भी गिनती कराने की मांग की गई, लेकिन उनकी मांग को नहीं सुना गया। इसके बाद उन्होंने चिट फंड सोसाइटी में इस मांग को रखा। इसी क्रम में एसडीएम सदर के यहां सुनवाई की गई। एसडीएम कोर्ट में फैसला सुरक्षित कर लिया गया है।

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