
बिजनौर। बीबीए और बीकॉम डिग्री हासिल कर नौकरी की जगह युवा मित्र वंश कर्णवाल एवं ज्वालियांश केसरी ने जैविक खेती व उत्पाद करने की दिशा में नए युग की शुरुआत की। वह अपने जैविक उत्पाद की बिक्री ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के माध्यम से भी कर रहे हैं। दोनों युवा मित्रों का कार्य खेती से दूर जा रही किसानों की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक कहानी है।शहर के आवास विकास निवासी 21 वर्षीय वंश कर्णवाल पुत्र रोहिताश कर्णवाल ने बीबीए की डिग्री हासिल हासिल की। परंतु उन्होंने निजी क्षेत्र में नौकरी करने की जगह स्वयं उद्यमी बनकर दूसरों को भी रोजगार देने का निर्णय लिया। उनका इरादा उस समय और मजबूत हो गया। तब उनके मित्र बीकॉम डिग्री धारक ज्वालियांश केसरी ने उनका साथ दिया।
दो युवा मित्रों ने एक साल पहले खेती के क्षेत्र को चुना और जैविक खेती शुरू करने का निर्णय लिया। वंश ने बताया कि जैविक खाद भी तैयार कर रहे हैं। उन्होंने जैविक खेती क्रांति ऑर्गेनिक खेती के नाम से कंपनी शुरू की। जैविक खाद को पैकिंग कर किचन गार्डन, खेती के सप्लाई कर रहे हैं। उनका कहना है कि जैविक विधि व इसके उत्पाद न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि जैविक विधि से खेती करने से न सिर्फ जमीन, बल्कि लोगों का स्वास्थ्य के भी अच्छा रहेगा। युवा किसान वंश कर्णवाल ने बताया कि वह जैविक तरीकों से वर्मीकंपोस्ट / केचुआ-खाद का उत्पादन कर रहे हैं। वह अपनी कंपनी के नाम से ऑनलाइन बेच रहे हैं। एनसीआर व जिले में ऑडर मिल रहे हैं। आय सही होने से वह अपने निर्णय से सहमत है। उप कृषि निदेशक गिरीश चंद ने बताया कि युवाओं ने खेती को व्यवसाय के रूप में कर जैविक विधि से खेती व जैविक उत्पाद तैयार करना सराहनीय है। जिले में काफी युवाओं ने खेती का कार्य कर रहे हैं। सरकार ने खेती को बढ़ावा देने के लिए कई लाभकारी योजनाएं संचालित कर रखी हैं।