अयोध्या : दुर्घटना में शहीद के बेटे की मौत, प्रताड़ना का आरोप लगाकर परिजनों ने सड़क किया जाम, धरने पर बैठे सांसद..

अयोध्या में कैंट थाना क्षेत्र में एक शहीद के बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। मृतक पेशे से लिपिक था। परिजनों ने एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कैंट थाना क्षेत्र के सहादतगंज के पास शनिवार की देर शाम लगभग आठ बजे शहीद राजकुमार यादव के बेटे की दुर्घटना में मौत हो गई। वह सोहावल तहसील में लिपिक के पद पर तैनात थे। परिजनों ने तहसील के एक प्रशासनिक अधिकारी पर लिपिक का बाल मुंडवाने व उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। आरोपी अधिकारी पर कार्रवाई की मांग को लेकर परिजन व ग्रामीणों ने जिला अस्पताल के सामने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान रास्ते में जाम लगा रहा।

Ruckus over death in Ayodhya: अयोध्या में कैंट थाना क्षेत्र में एक शहीद के बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। मृतक पेशे से लिपिक था। परिजनों ने एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कैंट थाना क्षेत्र के सहादतगंज के पास शनिवार की देर शाम लगभग आठ बजे शहीद राजकुमार यादव के बेटे की दुर्घटना में मौत हो गई। वह सोहावल तहसील में लिपिक के पद पर तैनात थे। परिजनों ने तहसील के एक प्रशासनिक अधिकारी पर लिपिक का बाल मुंडवाने व उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। आरोपी अधिकारी पर कार्रवाई की मांग को लेकर परिजन व ग्रामीणों ने जिला अस्पताल के सामने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान रास्ते में जाम लगा रहा।

कोतवाली अयोध्या क्षेत्र के बढ़ई का पुरवा रानोपाली निवासी राजकुमार यादव सीआरपीएफ में कमांडो थे, जो जून 2021 में शहीद हो गए थे। उनके बेटे शिवम यादव (21) को मृतक आश्रित कोटे में प्रदेश सरकार ने लिपिक के पद पर नौकरी दी थी। लगभग चार माह पहले उनकी तैनाती हुई थी। हाल ही में उनका स्थानांतरण सोहावल तहसील में हो गया था।शनिवार को ड्यूटी से लौटते समय कैंट थाना क्षेत्र के सहादतगंज के पास अयोध्या-लखनऊ हाईवे पर एक डीसीएम की चपेट में आने से लिपिक की मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने पुलिस की मदद से उन्हें जिला अस्पताल भिजवाया, जहां डॉक्टरों ने देर शाम लगभग आठ बजे मृत घोषित कर दिया।

जिला अस्पताल पहुंचे परिजनों ने तहसील में तैनात एक प्रशासनिक अधिकारी पर मृतक के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। प्रशासनिक अधिकारी पर कार्यवाही की मांग को लेकर परिजन व ग्रामीणों ने जिला अस्पताल के सामने रामपथ पर शव रखकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। करीब एक घंटे तक धरना-प्रदर्शन के दौरान कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नजर नहीं आया। बाद में एसडीएम सदर विकास दुबे, एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी, सीओ सिटी शैलेंद्र सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह आरोपी अधिकारी पर कार्यवाही की मांग को लेकर डटे रहे।

बाल मुंडवाने के बाद से ही अवसाद में रहता था लिपिक
परिजनों का आरोप है कि सोहावल तहसील में तैनाती के बाद से ही एक प्रशासनिक अधिकारी लगातार लिपिक का उत्पीड़न कर रहे थे। मंगलवार की देर शाम उन्होंने तहसील में ही सार्वजनिक रूप से उसका बाल मुंडवा दिया था। साथ ही उसे ठीक कर देने की धमकी भी दी थी। इसी के बाद से वह अवसाद में चल रहा था। मृतक के नाना राम प्रसाद यादव ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी मृतक से चिढ़ते थे। उसका उत्पीड़न करने के कारण ही उसे रोज देर से छोड़ा जाता था। शनिवार को भी उसे काफी विलंब से प्रताड़ित करने के उद्देश्य से ही छोड़ा गया था।

सीआरपीएफ कमांडेंट से भी परिजनों ने की थी शिकायत
लिपिक की मां और परिजनों ने प्रशासनिक अधिकारी के इस कृत्य को लेकर शनिवार को ही सीआरपीएफ कमांडेंट सुनील कुमार दुबे से मुलाकात करके कार्यवाही कराने की मांग की थी। लिपिक की मौत की सूचना पर रात नौ बजे कमांडेंट भी जिला अस्पताल पहुंचे, जिन्हें लिपटकर लिपिक की मां रोने लगी। उन्होंने भी घटना पर दुख जताया और आरोपी अधिकारी पर कार्यवाही कराने का आश्वासन दिया।

परिजनों ने अधिकारी से मुलाकात का किया था प्रयास
परिजन अंगद यादव और संजय यादव ने बताया कि अधिकारी से मुलाकात करने के लिए उनके परिवार के लोग तहसील गए थे, लेकिन अधिकारी ने उनसे मुलाकात नहीं की। वह लोग अधिकारी की इस कार्यशैली को लेकर जिलाधिकारी से भी मिलने गए थे, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।

प्रशासनिक अधिकारी पर दर्ज हो हत्या का मुकदमा- सांसद
घटना की सूचना पर सांसद अवधेश प्रसाद और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे भी धरना स्थल पर पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारी के कृत्य की निंदा की। सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा किया यह शहीद का अपमान है। ऐसे अधिकारी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके शहीद के बेटे को न्याय दिलाया जाए। पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे ने कहा कि प्रदेश सरकार मृतक के परिजन को एक करोड़ रुपये मुआवजा, परिजन को नौकरी दिलाते हुए आरोपी प्रशासनिक अधिकारी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे।

धरने पर बैठे सपा सांसद
धरने पर बैठे समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद का कहना है कि आरोपी अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके उसकी कॉपी पीड़ित के परिवारीजनों को सौंप दी जाए। इसके बाद ही धरना खत्म किया जाएगा। पुलिस के अधिकारी सांसद अवधेश प्रसाद और पूर्व मंत्री पवन पांडेय समेत समाजवादी पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस अधिकारी का कहना है कि डीएम के निर्देश पर नगर मजिस्ट्रेट पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। इस पर सांसद ने जवाब दिया कि नगर मजिस्ट्रेट मुकदमा नहीं दर्ज कर सकते, थानेदार को बुलाएं। तहरीर दी जा चुकी है, संबंधित अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करिए और उसकी कॉपी उपलब्ध कराइए। फिलहाल धरना स्थल पर पुलिस अधिकारी और सांसद के बीच जिरह चल रही है।

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