गोरखपुर में अंधेरगर्दी: CO ऑफिस का मुंशी बन गया ‘SP’, चार्जशीट पर कर दिया फर्जी हस्ताक्षर- निलंबित..

एससी-एसटी एक्ट के एक मामले की विवेचना पूरी होने पर चार्जशीट पर एसपी साउथ का हस्ताक्षर होना था। मुंशी ने खुद ही एसपी का हस्ताक्षर बनाकर चार्जशीट दाखिल करने के लिए थाने के पैरोकार से सिविल कोर्ट में भेज दिया। कोर्ट में पेशकार ने चार्जशीट देखी तो उसपर एसपी के हस्ताक्षर देख उसे हैरानी हुई।खजनी सीओ ऑफिस के विवेचना मुंशी शनि चौधरी पर आरोप है कि उसने छेड़छाड़, मारपीट और एससी-एसटी एक्ट के एक मामले में एसपी साउथ का हस्ताक्षर खुद बनाकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। करतूत पकड़े जाने पर एसपी साउथ ने जांच कराकर मुंशी को निलंबित कर दिया है।

एससी-एसटी एक्ट के एक मामले की विवेचना पूरी होने पर चार्जशीट पर एसपी साउथ का हस्ताक्षर होना था। मुंशी ने खुद ही एसपी का हस्ताक्षर बनाकर चार्जशीट दाखिल करने के लिए थाने के पैरोकार से सिविल कोर्ट में भेज दिया। कोर्ट में पेशकार ने चार्जशीट देखी तो उसपर एसपी के हस्ताक्षर देख उसे हैरानी हुई।खजनी सीओ ऑफिस के विवेचना मुंशी शनि चौधरी पर आरोप है कि उसने छेड़छाड़, मारपीट और एससी-एसटी एक्ट के एक मामले में एसपी साउथ का हस्ताक्षर खुद बनाकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। करतूत पकड़े जाने पर एसपी साउथ ने जांच कराकर मुंशी को निलंबित कर दिया है।

शुक्रवार को खजनी थाने में आरोपी मुंशी के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज कराया गया। आरोपी के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, मुंशी शनि चौधरी खजनी सीओ ऑफिस में दो साल से तैनात है। बीते दिनों छेड़छाड़, मारपीट और एससी-एसटी एक्ट के एक मामले की विवेचना पूरी होने पर चार्जशीट पर एसपी साउथ का हस्ताक्षर होना था। मुंशी ने खुद ही एसपी का हस्ताक्षर बनाकर चार्जशीट दाखिल करने के लिए थाने के पैरोकार से सिविल कोर्ट में भेज दिया। कोर्ट में पेशकार ने चार्जशीट देखी तो उसपर एसपी के हस्ताक्षर देख उसे हैरानी हुई। इसके बाद चार्जशीट वापस खजनी सीओ ऑफिस भेज दी गई। पेशकार ने एसपी को हस्ताक्षर के बारे में बताया।

एसपी साउथ ने ऑफिस में फाइल चेक कराई तो पता चला कि खजनी सीओ ऑफिस से एक चार्जशीट अभी तक नहीं आई है। फिर सीओ ऑफिस से फाइल मंगाई गई तो उसपर अपना हस्ताक्षर देख एसपी भी हैरान हो गए। उन्होंने एक सप्ताह तक जांच कराकर आरोपी विवेचना मुंशी पर कार्रवाई की। मुंशी ने दो साल के कार्यकाल में क्या-क्या कारनामा किए हैं, इसकी भी जांच की जा रही है। साथ ही जिस चार्जशीट को दाखिल करने के लिए फर्जी हस्ताक्षर बनाया गया है, इससे किसको फायदा पहुंच रहा है, इस बारे में भी पुलिस छानबीन कर रही है। मुंशी के साथ इस कृत्य में और कौन शामिल है, इस बारे में भी पता लगाया जा रहा है।

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