
UPI Incentive Scheme: सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नई योजना शुरू की है. इसके तहत, 2000 रुपये तक के यूपीआई ट्रांजेक्शन पर इंसेंटिव मिलेगा. इसका फायदा खासकर छोटे व्यापारियों को फायदा होगा. डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यूपीआई लेनदेन के लिए 1500 करोड़ के इंसेंटिव प्लान को मंजूरी दी है. सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाते हुए कम कीमत वाले यूपीआई ट्रांजेक्शन, खासतौर पर पर्सन टू मर्चेंट (P2M) पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए 1,500 करोड़ की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है. 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक के लिए लागू योजना को 2,000 रुपये तक के लेनदेन को ज्यादा आकर्षक बनाकर छोटे कारोबारियों के बीच डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है. आइए जानते हैं इस योजना से कैसे और किसे फायदा होगा?
किसको होगा फायदा?
सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए नई योजना शुरू की है. इसके तहत, 2000 रुपये तक के यूपीआई ट्रांजेक्शन पर इंसेंटिव मिलेगा. इसका फायदा खासकर छोटे व्यापारियों को फायदा होगा. इसका मकसद डिजिटल पेमेंट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है, ताकि मर्चेंट और कस्टमर दोनों पर वित्तीय बोझ कम हो सके. छोटे व्यापारियों को 2,000 रुपये तक के यूपीआई (पी2एम) लेनदेन के हर ट्रांजेक्शन के लिए 0.15 प्रतिशत का प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके अलावा, सभी लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को जीरो कर दिया गया है, यानी डिजिटल लेनदेन बिल्कुल फ्री होगा.
बैंकों को भी फायदा
बैंकों को प्रोत्साहन राशि का 80 प्रतिशत हिस्सा हर तिमाही में बिना किसी शर्त के मिल जाएगा. बाकी 20 प्रतिशत हिस्सा तभी मिलेगा, जब बैंक अपने सिस्टम की तकनीकी खामियों को 0.75 प्रतिशत से कम रखेंगे और सिस्टम अपटाइम 99.5 प्रतिशत से ऊपर बनाए रखेंगे. इस फैसले के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘कम दाम वाले यूपीआई ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने पर प्रोत्साहन योजना को कैबिनेट ने मंजूरी दी है. इसे आसान भाषा में इस तरह समझ सकते हैं कि यदि कोई 1000 रुपये का सामान लेता है और UPI से पेमेंट करता है. इस पर दुकानदार को 1.5 रुपये (0.15 प्रतिशत) का इंसेंटिव मिलेगा.
1500 करोड़ खर्च करने के पीछे सरकार का मकसद
सरकार की मंशा है कि दुकानदार और ग्राहक दोनों डिजिटल भुगतान का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें. इसके लिए यूपीआई सबसे बेहतर तरीका है. पेमेंट लेनदेन का यह आसान, सुरक्षित और तेज तरीका है. दुकानदार को इससे यह फायदा है कि पैसा सीधे उनके बैंक अकाउंट में आता है और कोई एक्सट्रा पैसा भी नहीं लगता. डिजिटल रिकॉर्ड बनने से दुकानदार को बैंक से लोन मिलने में आसानी होगी. ग्राहक को यह फायदा होगा कि वे बिना किसी एक्सट्रा चार्ज के आसानी से भुगतान कर सकते हैं.
सरकार ने टारगेट रखा है कि साल 2024-25 में 20,000 करोड़ रुपये के यूपीआई लेनदेन हों. इसके लिए सरकार की तरफ से ऐसे लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है जो पेमेंट सिस्टम को सही रखते हैं और यूपीआई को छोटे शहरों और गांवों तक पहुंचाते हैं. सरकार चाहती है कि सिस्टम हमेशा चालू रहे और उसमें कम से कम खराबी हो. सरकार की तरफ से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. पहले, रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) जीरो किया गया था. अब इस नई योजना के तहत दुकानदारों को यूपीआई पेमेंट लेने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.