
माैसम में बदलाव के साथ मरीजों की संख्या में भी बढ़ रही है। इनमें अधिकतर लोग ऐसे हैं, जिनमें कोविड जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। इसकी पुष्टि चिकित्सकों ने की है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मुंह में खाने का स्वाद नहीं समझ में आ रहा है। चार-पांच दिन से बुखार और खांसी भी हो रही है। दवा खाने के बाद भी बहुत राहत नहीं मिल पा रही है। बीपी अनियंत्रण की वजह से घबराहट हो रही है। इन दिनों अस्पतालों में आने वाले मरीजों में इस तरह की समस्या अधिक देखने को मिल रही है। मरीजों की स्क्रीनिंग में जिस तरह से डॉक्टर को लोग लक्षण बता रहे हैं, डॉक्टर के अनुसार लोगों में कोविड जैसे लक्षण दिखने लगे हैं। ऐसे में लोगों से सेहत के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
कोरोना काल में जिस तरह की समस्या लोगों में थी, पिछले करीब एक महीने से उसी तरह की समस्या लेकर मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि इसमें केवल बुजुर्ग और बच्चे, महिलाएं ही नहीं बल्कि युवा भी आ रहे हैं। आईएमएस बीएचयू हृदय रोग विभाग के प्रो. ओमशंकर का कहना है कि पिछले एक महीने से रोज ओपीडी में ऐसे 20 से अधिक मरीज आ रहे हैं। बीमारी के बारे में पूछताछ करने के बाद यह भी पता चल रहा है कि इन लोगों को पहले भी कोरोना का संक्रमण हो चुका है।
बिना सलाह न लें दवाएं
प्रो. ओमशंकर का कहना है कि यह बात सही है कि कोरोना संक्रमण की जांच इन दिनों नहीं हो रही है, लेकिन जिस तरह के लक्षण लोगों में दिख रहे हैं, वो कोविड वाले ही हैँ। ऐसे में सभी को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। किसी तरह की समस्या पर बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लेने को कहा जा रहा है। अगर कोई पहले से बीमार है तो नियमित जांच, दवा लेते रहना चाहिए।
बच्चों में सर्दी, खांसी की समस्या, सतर्कता जरूरी
बीएचयू बाल रोग विभाग के प्रो. सुनील राव का कहना है कि ओपीडी में इन दिनों सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ ही बुखार से परेशान कुछ बच्चों को लेकर लोग आ रहे हैं। पिछले महीने इन्फ्लूएंजा से ग्रसित बच्चे भी आए थे। ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर घर में किसी को बुखार, सर्दी की समस्या हो तो बच्चों को दूर रखना चाहिए। साथ ही बाहर निकलने पर धूल से भी बचाना चाहिए।
बोले अधिकारी
माैसम में तेजी से हो रहे बदलाव की वजह से इन दिनों फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं। इससे सभी अस्पतालों में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज बढ़ गए हैं। सभी अस्पतालों को जांच और इलाज का बेहतर इंतजाम करने को कहा गया है।