
बिजनौर। भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के जिलाध्यक्ष चौधरी वीरसिंह सहरावत के नेतृत्व में पदाधिकारियों, किसानों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। आंदोलित पंजाब के किसानों को शम्भू, खिनौरी बार्डर से जबरन उठाने, गिरफ्तार करने का विरोध किया। गन्ना मूल्य भुगतान समेत विभिन्न समस्याओं के निदान की मांग की। भाकियू लोकशक्ति की बृहस्पतिवार को गन्ना समिति परिसर में पंचायत हुई। पंचायत में पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्याएं रखीं। साथ ही उनकी समस्याओं के निदान पर चर्चा की। पंचायत में पंजाब के बार्डर से किसानों को गिरफ्तार करने और जबरदस्ती धरने का विरोध किया। कहा कि किसानों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बाद में किसान प्रदर्शन करते कलक्ट्रेट पहुंचे। वहां उन्होंने मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर धरना दिया। जिलाध्यक्ष चौधरी वीर सिंह सहरावत ने कहा कि सरकारों द्वारा किसानों की अनदेखी की जा रही है। न तो किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलता और न ही समय से भुगतान मिलता है।
आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारों को उद्योगपतियों की चिंता है। गन्ना मूल्य में बढ़ोत्तरी नहीं होती है। किसानों ने बेसहारा गोवंश और जंगली पशुओं से किसान परेशान है। बाद में भाकियू लोकशक्ति पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर उन्हें किसानों की विभिन्न प्रमुख समस्याओं से अवगत कराया। बाद में पंजाब के किसानों की अनैतिक गिरफ्तारी के विरोध में एक मांग पत्र राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी बिजनौर को सौंपा। उन्होंने किसानों कि अविलंब रिहाई की मांग उठाई।
पंचायत धरने पर रहे उपस्थित
राष्ट्रीय महासचिव चौधरी पदम सिंह, जग्गन अली, चौधरी सतबीर सिंह, चौधरी भूपेंद्र सिंह, योगेंद्र सिंह काकरान, रामकुमार सिंह, डॉ. अरुण कुमार, महिला जिलाध्यक्ष मोनिका चौधरी, जिला उपाध्यक्ष रेखा चौधरी, नरेश कुमार, राहुल चौधरी आदि रहे।
ये रहीं मुख्य मांगें
शंभू और खिनौरी बार्डर पर गिरफ्तार किसानों को ससम्मान अविलंब रिहा करने।
गन्ना पेराई सत्र 2024 – 2025 में किसानों को 50 रुपये प्रति क्विंटल वोनस देने।
सभी शुगर मिलों व उनके क्रय केंद्रों पर घटतौली पूर्ण रूप से बंद कराने।
निजी नलकूपों पर इलेक्ट्रॉनिक मीटर नहीं लगवाने और रोक लगाने की मांग।
प्रांतीय खण्ड लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण और मरम्मत कार्यों की जांच की जाए।
एमएसपी पर गारंटी कानून व किसान हित में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए।