Sitapur News: सराफा कारोबारी के पुत्र दीपांशु का सुराग नहीं, मिला दस लाख का संदिग्ध लेनदेन

कोतवाली महमूदाबाद क्षेत्र के सराफा कारोबारी के लापता पुत्र दीपांशु का बुधवार को तीसरे दिन भी सुराग नहीं मिल सका है। तीन दिनों में पुलिस सिर्फ युवक के फोन की सीडीआर निकाल सकी है। उसी के भरोसे जांच चल रही है। मंगलवार को युवक का फोन कहां पर ऑन हुआ, इसकी लोकेशन अभी तक पुलिस को नहीं मिल सकी है। परिजनों ने बुधवार को सीतापुर में साइबर सेल पहुंचकर मदद की गुहार लगाई है।

सीतापुर। कोतवाली महमूदाबाद क्षेत्र के सराफा कारोबारी के लापता पुत्र दीपांशु का बुधवार को तीसरे दिन भी सुराग नहीं मिल सका है। तीन दिनों में पुलिस सिर्फ युवक के फोन की सीडीआर निकाल सकी है। उसी के भरोसे जांच चल रही है। मंगलवार को युवक का फोन कहां पर ऑन हुआ, इसकी लोकेशन अभी तक पुलिस को नहीं मिल सकी है। परिजनों ने बुधवार को सीतापुर में साइबर सेल पहुंचकर मदद की गुहार लगाई है।

बता दें कि महमूदाबाद के सरावगी टोला निवासी प्रवीण रस्तोगी का 28 वर्षीय पुत्र दीपांशु रविवार से लापता है। युवक अपनी बाइक साथ लेकर गया है। परिजन तीन दिन से युवक की तलाश कर रहे हैं। मामले में कोतवाली महमूदाबाद में गुमशुदगी भी दर्ज है। पुलिस ने युवक के नंबराें को सर्विलांस पर लगाने के साथ ही काॅल डिटेल भी निकाली है। घर से निकलने से पहले युवक ने फोन पर किस से बात की है, इसकी जांच जारी है। हालांकि अभी तक कोई संदिग्ध नंबर नहीं मिला है। लिहाजा पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली हैं। बीते तीन दिनों में परिजनों ने महमूदाबाद से फतेहपुर तक करीब 50 कैमरे खंगाले हैं। युवक को भगौली के बाद किसी भी कैमरे में नहीं देखा गया है। मंगलवार की दोपहर युवक का फोन इंटरनेट से कनेक्ट हुआ, जिसके बाद उसके सोशल मीडिया हैंडल्स एक्टिव हुए, लेकिन वह फोन कहां पर ऑन हुआ और कितनी देर तक सक्रिय रहा, इसकी जानकारी अभी तक पुलिस के पास नहीं है। युवक का नंबर लगातार बंद आ रहा है।

 

एक माह में दस लाख का हुआ लेनदेन
बीते एक माह में दीपांशु के बैंक खाते से करीब दस लाख रुपये का लेनदेन हुआ है। परिजनों द्वारा बैंक स्टेटमेंट निकाले जाने के बाद इसकी पुष्टि हुई है। युवक के बैंक खाते में कुछ लेनदेन व्यापारिक और घरेलू हैं, जबकि कई लेनदेन संदिग्ध हैं, जिनकी जानकारी घर वालों के पास नहीं है। युवक ने कुछ ट्रेडिंग कंपनियों में पैसा भेजा है। इसके अतिरिक्त कई खातों से अलग-अलग तारीखों में रुपये युवक को प्राप्त हुए हैं। इससे पता चलता है कि दीपांशु ट्रेडिंग (शेयर मार्केट) में पैसा लगाता था।

पश्चिम बंगाल, झारखंड के बैंक खातों में भेजे गए हैं पैसे
दीपांशु के बैंक खाते से पता चला कि उसने पश्चिम बंगाल, झारखंड के कुछ बैंक खातों में पैसे भेजे हैं। यूपीआई आईडी से मिले मोबाइल नंबर पर कोतवाल अनिल सिंह ने अपने सीयूजी नंबर से फोन मिलाया तो सामने वाले ने नंबर पश्चिम बंगाल का बताया। बात करने वाले ने स्वीकार किया कि उसके बैंक खाते में पैसे आए हैं, लेकिन किस प्रयोजन से आए हैं और दीपांशु ने पैसे उसको क्यों भेजे, यह पूछते ही सामने वाले शख्स ने कहा कि उसको इसकी जानकारी नहीं है। पुलिस सभी यूपीआईडी से नंबर निकालकर पूछताछ कर रही है। इसमें पश्चिम बंगाल व झारखंड के अलावा कई अन्य नंबर भी संदिग्ध पाए गए हैं, जिनकी जांच जारी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Captcha loading...

Back to top button