Prayagraj: महाकुंभ के बाद माफिया फिर निशाने पर, अपराध से अर्जित संपत्तियों पर होगी कड़ी कार्रवाई..

महाकुंभ के बाद पुलिस ने जनपद में माफिया पर एक बार फिर हंटर चलाने की तैयारी कर ली है। अपराध से अर्जित संपत्तियों पर कार्रवाई के लिए जल्द अभियान चलाया जाएगा। डीजीपी की ओर से इस संबंध में निर्देश मिलने के बाद जनपदीय अफसरों ने भी तैयारी शुरू कर दी है।

महाकुंभ के बाद पुलिस ने जनपद में माफिया पर एक बार फिर हंटर चलाने की तैयारी कर ली है। अपराध से अर्जित संपत्तियों पर कार्रवाई के लिए जल्द अभियान चलाया जाएगा। डीजीपी की ओर से इस संबंध में निर्देश मिलने के बाद जनपदीय अफसरों ने भी तैयारी शुरू कर दी है।

जनपद में उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया के खिलाफ वृहद अभियान चलाया गया था। अतीक एंड कंपनी के खिलाफ पुलिस ने हर स्तर पर कार्रवाई की। करोड़ों की बेनामी संपत्तियां भी कुर्क कीं। इसके बाद पुलिस महाकुंभ के आयोजन में व्यस्त हो गई। इसके चलते पिछले आठ माह से कार्रवाई ठप है। महाकुंभ के बाद अब एक बार फिर माफिया की अपराध से अर्जित संपत्तियों पर कार्रवाई की तैयारी है।

इस संबंध में मुख्यालय से आदेश जारी होने के बाद जिला पुलिस के अफसरों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। सभी डीसीपी, एसीपी व थानेदारों को निर्देशित किया गया है कि वह अपराध से अर्जित संपत्तियों के संबंध में कार्रवाई शुरू करें। सबसे पहले ऐसी संपत्तियों को चिह्नित करें। फिर इनकी कुर्की, जब्ती के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त करें। फिर सक्षम न्यायालय में आवेदन करें। आदेश मिलने पर कार्रवाई करें।

डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने बताया कि मुख्यालय से प्राप्त आदेश के अनुपालन में संबंधितों को निर्देशित किया गया है। कहा गया है कि अपराध से अर्जित संपत्तियों को चिह्नित कर उनकी जब्ती, कुर्की के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई करें।
डीजीपी ने दिया है आदेश, प्रावधानों का कड़ाई से हो पालन

इस संबंध में डीजीपी प्रशांत कुमार की ओर से सभी पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजा गया है। इसमें निर्देशित किया गया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 107 में आपराधिक गतिविधियों से अर्जित या प्राप्त संपत्तियों की कुर्की, जब्ती और वापसी के बारे में प्रावधान किए गए हैं। उक्त कार्रवाई के लिए सभी राजपत्रित अधिकारियों, थाना प्रभारियों व विवेचकों को विस्तार से अवगत करा दिया जाए। सतर्क भी किया जाए कि इसमें कोई लापरवाही, उदासीनता, शिथिलता न बरतें। उच्चाधिकारियों के गहन पर्यवेक्षण में उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराना सुनिश्चित करें।

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