
संसद के शीतकालीन सत्र में आज भी हंगामे की संभावना जताई जा रही है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने वोटर लिस्ट में कथित अनियमितताओं को लेकर चर्चा की मांग की है, और पार्टी इस मुद्दे पर अड़ी हुई है। टीएमसी का आरोप है कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां की गई हैं, और इसे तत्काल सही किया जाना चाहिए।आज के सत्र में इसी मुद्दे को लेकर तीखी बहस होने की संभावना है। सरकार ने इस विषय पर अपने बयान दिए हैं, जबकि विपक्ष ने इसे गंभीर मामला बताते हुए बहस करने की मांग की है। टीएमसी के सांसद इस मुद्दे को लेकर जोरदार तरीके से अपनी बात रख रहे हैं, जबकि सत्तापक्ष के सांसद इस पर टिप्पणी करने से बचते नजर आ रहे हैं। संसद के आज के सत्र में इस मामले पर चर्चा का समय तय किया गया है, और इसे लेकर राजनीतिक दलों के बीच तीखी तकरार हो सकती है।
होली के अवकाश के बाद आज संसद के बजट सत्र की कार्यवाही पुनः शुरू होगी। आज लोकसभा में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए जाएंगे, जिनमें विभिन्न स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट भी शामिल हैं। भा.ज.पा. सांसद राधा मोहन सिंह और सपा सांसद विरेंद्र सिंह रक्षा मामलों की स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट पेश करेंगे। इसके अलावा, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मामलों की स्टैंडिंग कमेटी भी आज अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश कर सकती है। आज के सत्र में ये प्रस्ताव और रिपोर्ट संसद की कार्यवाही में अहम भूमिका निभा सकते हैं, और इन पर व्यापक चर्चा की संभावना है। इस बीच, संसद के दोनों सदनों में विधायी कार्यवाही के अलावा अन्य मुद्दों पर भी बहस हो सकती है।
टीएमसी मतदाता सूची के मुद्दे पर चर्चा पर अड़ी
टीएमसी संसद के बजट सत्र में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रही है। बीते दिनों इसे लेकर सदन में हंगामा भी हुआ। सोमवार को भी टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में वोटर लिस्ट के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा कि ‘चार दिन के बाद संसद में आज फिर से काम होगा। विपक्ष एक ऐसे मुद्दे पर चर्चा चाहता है, जो लोकतंत्र का मुख्य आधार है।
रेल टिकट किराए पर स्थगन प्रस्ताव पेश
कन्याकुमारी से लोकसभा सांसद विजय कुमार उर्फ विजय वसंत ने सदन में रेल टिकट किराए में रियायत को रद्द करने पर चर्चा की मांग करते हुए कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। 12 मार्च को राज्य सभा में कांग्रेस अध्यक्ष और मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी पर खासा हंगामा हुआ था। ऐसे में आज भी उस पर हंगामा हो सकता है। लोकसभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की डीएमके सांसदों पर की गई टिप्पणी पर भी काफी बवाल हुआ था। ऐसे में नई शिक्षा नीति में तीन भाषा विवाद पर भी हंगामे के आसार हैं।