RSS पर तुषार गांधी के बयान के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन, कार को भी रोका गया..

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को केरल के नेय्याट्टिनकारा में महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. यह विरोध उस समय किया गया जब तुषार गांधी टीबी जंक्शन स्थित उनके आवास पर गांधीवादी नेता गोपीनाथन नायर की प्रतिमा का शाम करीब 5:30 बजे अनावरण कर रहे थे.इसी दौरान तुषार गांधी ने एक स्पीच दी. उन्होंने कहा, “देश की आत्मा कैंसर से पीड़ित है और संघ परिवार इसे फैला रहा है.” उनके इस बयान के बाद से ही बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ता आहत हो गए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को केरल के नेय्याट्टिनकारा में महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. यह विरोध उस समय किया गया जब तुषार गांधी टीबी जंक्शन स्थित उनके आवास पर गांधीवादी नेता गोपीनाथन नायर की प्रतिमा का शाम करीब 5:30 बजे अनावरण कर रहे थे.इसी दौरान तुषार गांधी ने एक स्पीच दी. उन्होंने कहा, “देश की आत्मा कैंसर से पीड़ित है और संघ परिवार इसे फैला रहा है.” उनके इस बयान के बाद से ही बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ता आहत हो गए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया.

किस बयान पर हुआ विरोध
तुषार गांधी के बयान को लेकर आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि वो अपने इस बयान को वापस लें और माफी की भी मांग की. हालांकि, बयान का विरोध होने के बाद भी तुषार अपनी टिप्पणी पर कायम रहे और जाने से पहले “गांधी की जय” का नारा भी लगाया. हालात तब और बिगड़ गए जब आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और तुषार गांधी की कार को भी रोक दिया. इन नारों के जवाब में तुषार ने घटनास्थल छोड़ने से पहले “आरएसएस मुर्दाबाद” और “गांधी जिंदाबाद” जैसे नारे लगाए.

विपक्ष ने की निंदा
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) ने आरएसएस-बीजेपी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन की कड़ी निंदा की. केपीसीसी अध्यक्ष के सुधाकरन ने इसे केरल के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का अपमान बताया और बीजेपी-आरएसएस पर “गोडसे के भूत” का साया होने का आरोप लगाया. सुधाकरन ने कहा, “गांधी को बदनाम करने और गोडसे की प्रशंसा करने वाली सांप्रदायिक ताकतों के लिए केरल में कोई जगह नहीं है. संघ परिवार देश की आत्मा को पीड़ित करने वाला एक कैंसर है और यह धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए खतरा है, ऐसा कहने में क्या गलत है?

उन्होंने आगे सत्तारूढ़ सीपीएम की चुप्पी पर सवाल उठाया और इस बात पर स्पष्टता की मांग की कि क्या पार्टी बीजेपी को फासीवादी ताकत मानती है. उन्होंने कहा, “केरल की धर्मनिरपेक्ष अंतरात्मा इस कृत्य को माफ नहीं करेगी.” इस घटना का व्यापक विरोध हुआ. विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने कहा कि तुषार गांधी की गाड़ी को रोकना महात्मा गांधी का अपमान करने के बराबर है. उन्होंने कहा कि यह घटना पूरे राज्य के लिए अपमानजनक है. सीपीआई के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम ने इस घटना को अक्षम्य अपराध करार दिया. उन्होंने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर संघ परिवार को बेनकाब कर दिया है.

 

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