
पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. नेता प्रतिपक्ष ने सदन में विधायक का माइक बंद किए जाने को लेकर कहा था कि बीजेपी की सरकार आने पर सदन से मुस्लिम विधायकों को सड़क पर फेंक देंगे. इस मामले पर अब सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार किया है. उन्होंने इस्तीफे तक की चुनौती दे दी है.
ममता ने कहा कि अगर कोई यह साबित कर दे कि मैंने विधानसभा में वामपंथी शासन के दौरान कुर्सी या मेज तोड़ी है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगी. शुभेंदु का नाम लिए बिना ममता ने कहा कि इस पार्टी में बहुत गुस्सा है क्योंकि यह इफ्तार का महीना है. जब आप तृणमूल में थे तो आप इफ्तार करते थे. अब जब आपने कोट बदल लिया है तो अचानक आप कोई और बन गए हैं.
हम सबका ख्याल रखते हैं- ममता
ममता बनर्जी ने कहा कि जब हम कुर्सी पर बैठते हैं, तो हम सभी का ख्याल रखते हैं. अगर कोई सदन में बोलना चाहता है, तो मैं भी सुनूंगी. यह लोकतंत्र है. जब सीएम बोलती हैं, तो सभी को सुनना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि जब ब्लड चढ़ाते हैं, तो धर्म कहां से आता है, क्या आपको पता है कि आपके शरीर में किसका ब्लड चढ़ा है? जब प्रधानमंत्री ईरान सऊदी अरब जाते हैं, तो धर्म कहां से आता है.
आरोपों पर क्या बोलीं सीएम ममता?
ममता ने कहा कि बीजेपी जो भी आरोप लगा रही है, वह निराधार हैं. मैंने फिरहाद हकीम को चेतावनी दी है, सांप्रदायिक शब्द न बोलें, हालांकि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है, फिर भी मैं कहती हूं कि वह ऐसा नहीं कर सकते लेकिन सुवेंदु अधिकारी के इस बयान के बारे में क्या कहना है कि अगर हम सत्ता में आए, तो मुस्लिम विधायक को विधानसभा से बाहर कर दिया जाएगा. 33% अल्पसंख्यक मतदाताओं के बारे में क्या सोचते हैं.
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए लड़ रहे सुभेंदु- ममता
विपक्ष के नेता राज्य अध्यक्ष पद के लिए क्यों लड़ रहे हैं? अगर आप अच्छे नेता हैं तो क्यों लड़ रहे हैं? हालांकि यह बीजेपी का अंदरूनी मामला है, फिर भी हमें इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए.