भारतीय टीम में क्या-क्या होगा बदलाव जानें…

सचिन गावस्कर ने भारतीय टीम में बदलाव को लेकर अपनी राय दी है, खासकर रोहित शर्मा के फॉर्म को लेकर। उन्होंने हाल ही में बयान दिया कि भारतीय टीम को फाइनल के लिए कुछ बदलाव करने पर विचार करना चाहिए। गावस्कर का मानना है कि फाइनल में टीम को अधिक मजबूती के लिए कुछ निर्णय लेने होंगे। रोहित शर्मा के फॉर्म पर चिंता: गावस्कर ने विशेष रूप से रोहित शर्मा के फॉर्म पर चिंता जताई है। उनका कहना था कि रोहित के बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं, और टीम के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है। फाइनल जैसी महत्वपूर्ण स्थिति में एक अनुभवी खिलाड़ी के रूप में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है, लेकिन अगर फॉर्म सही नहीं है, तो टीम को कोई और विकल्प तलाशने पर विचार करना चाहिए।

सचिन गावस्कर ने भारतीय टीम में बदलाव को लेकर अपनी राय दी है, खासकर रोहित शर्मा के फॉर्म को लेकर। उन्होंने हाल ही में बयान दिया कि भारतीय टीम को फाइनल के लिए कुछ बदलाव करने पर विचार करना चाहिए। गावस्कर का मानना है कि फाइनल में टीम को अधिक मजबूती के लिए कुछ निर्णय लेने होंगे। रोहित शर्मा के फॉर्म पर चिंता: गावस्कर ने विशेष रूप से रोहित शर्मा के फॉर्म पर चिंता जताई है। उनका कहना था कि रोहित के बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं, और टीम के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है। फाइनल जैसी महत्वपूर्ण स्थिति में एक अनुभवी खिलाड़ी के रूप में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है, लेकिन अगर फॉर्म सही नहीं है, तो टीम को कोई और विकल्प तलाशने पर विचार करना चाहिए।

गंभीर पर बिफरे गावस्कर: गावस्कर का कहना था कि गौतम गंभीर की आलोचना शायद इस मुद्दे को लेकर बहुत अधिक हो रही है, खासकर जब उन्होंने रोहित शर्मा के फॉर्म पर सवाल उठाए थे। गावस्कर ने इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि ऐसे मुश्किल समय में टीम को एकजुट रहकर काम करना चाहिए, बजाय इसके कि खिलाड़ियों के फॉर्म पर निरंतर आलोचना की जाए। उनका मानना है कि कभी-कभी खिलाड़ी खराब फॉर्म से बाहर निकलने के लिए एक मानसिक समर्थन की जरूरत होती है। टीम में संभावित बदलाव: गावस्कर ने सुझाव दिया कि टीम में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, जैसे कि एक मजबूत बल्लेबाज को मौका देना या फॉर्म में चल रहे खिलाड़ी को मौका देना। इसके अलावा, कप्तान और कोच को यह भी देखना होगा कि कौन सा संयोजन सबसे प्रभावी रहेगा।फाइनल में जाने से पहले भारतीय टीम को अपने निर्णयों को ध्यान से लेना होगा, और टीम का सामूहिक प्रयास ही उसे जीत दिला सकता है।

सचिन गावस्कर ने भारत के लिए फाइनल में अपनी प्लेइंग इलेवन को लेकर एक महत्वपूर्ण राय दी है। उनका मानना है कि भारतीय टीम को फाइनल में कोई बदलाव नहीं करना चाहिए और चार स्पिनरों को खिलाने के फॉर्मूले पर टिके रहना चाहिए।

गावस्कर ने इस फैसले के समर्थन में कहा कि, चार स्पिनर्स का संयोजन भारत के लिए काफी प्रभावी साबित हो सकता है, खासकर ऐसी परिस्थितियों में जहां पिच स्पिनरों के लिए मददगार हो। उनका कहना था कि इस फॉर्मूले के चलते भारतीय टीम को पिच के अनुसार पूरा फायदा मिल सकता है, और ये रणनीति टीम के लिए सही हो सकती है।

चार स्पिनरों का फॉर्मूला:

गावस्कर का मानना है कि भारतीय टीम ने हाल के मैचों में चार स्पिनरों का संयोजन अपनाया और यह सफल भी रहा। पिच पर स्पिन गेंदबाजों का दबदबा बनाने के कारण भारतीय टीम को यह फॉर्मूला अपनाना चाहिए, क्योंकि स्पिन गेंदबाज विपक्षी बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल सकते हैं। गावस्कर ने यह भी कहा कि टीम का संयोजन चिंतनशील और संतुलित होना चाहिए, और टीम को अपने मुख्य खिलाड़ियों पर विश्वास रखना चाहिए जो उन्हें पहले भी सफल बना चुके हैं।

रोहित शर्मा और टीम का फॉर्म:

हालांकि गावस्कर ने रोहित शर्मा के फॉर्म पर चिंता जताई थी, फिर भी उन्होंने टीम के समग्र प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए कहा कि प्लेइंग इलेवन में ज्यादा बदलाव नहीं करने चाहिए, क्योंकि जो रणनीति और संयोजन अब तक काम कर चुका है, उसे फाइनल में भी लागू किया जाना चाहिए। कुल मिलाकर, गावस्कर का सुझाव है कि भारत को अपने विजेता संयोजन पर टिके रहना चाहिए और फाइनल में किसी भी प्रकार का अनावश्यक बदलाव करने से बचना चाहिए।

भारत ने अब तक अपने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 अभियान में अपने सभी मैच जीते हैं। टीम ग्रुप चरण में अजेय रहते हुए सेमीफाइनल में पहुंची और अंतिम चार के मुकाबले में विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त दी। भारत के महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने कहा है कि लगातार जीत के बावजूद कई स्थान हैं जहां टीम अब भी सुधार कर सकती है। उन्होंने कहा कि भारत ने बीच के ओवरों में रन तो रोके हैं लेकिन ज्यादा विकेट लेने में कामयाब नहीं हो सकी है। साथ ही उन्होंने शुरुआती विकेट के लिए बड़ी साझेदारी नहीं होने की ओर भी इशारा किया। उन्होंने पहले 10 ओवरों में तेज गेंदबाजों से नई गेंद से अधिक विकेट की भी मांग की।

‘इन क्षेत्रों में भारत को करना होगा बेहतर’
गावस्कर ने इंडिया टुडे से कहा, ‘जब आप भारतीय सलामी बल्लेबाजों को देखो तो उन्होंने भारतीय टीम को वैसी शुरुआत नहीं दी जैसी उनसे उम्मीद की गई थी। मुझे लगता है कि इसमें एक कमी है। नई गेंद के साथ भी आप पहले 10 ओवरों में ज्यादा से ज्यादा विकेट लेना चाहेंगे। आप निश्चित रूप से दो या तीन विकेट लेना चाहते हैं। यह भी नहीं हो रहा है। बीच के ओवरों में हमें विकेट नहीं मिले, भले ही रन रुक रहे हों। इन क्षेत्रों में बेहतर होने पर फाइनल में जाने और जीतने की संभावना बेहतर होती है।’

‘प्लेइंग-11 में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए’
गावस्कर का यह भी मानना है कि भारत को फाइनल में अपनी प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव नहीं करना चाहिए और चार स्पिनरों को खिलाने के फॉर्मूले पर टिके रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव दोनों के शामिल होने से भारत के आक्रमण को मजबूती मिली है और उन्हें विजयी संयोजन के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि चार स्पिनर होंगे। कुलदीप के समावेश ने दिखाया है कि वे कितने प्रभावी हो सकते हैं।’

‘रोहित लंबे समय तक बल्लेबाजी करें’
गावस्कर ने रोहित को सलाह दी कि वे टीम को तेज शुरुआत प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय लंबे समय तक बल्लेबाजी करें। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया पर भारत की जीत के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर ने रोहित के दृष्टिकोण का बचाव किया और कहा कि स्टार बल्लेबाज को उनके इम्पैक्ट पर आंका जाता है, न कि उनके नंबरों पर। गावस्कर हालांकि इस टिप्पणी से प्रभावित नहीं हुए और उन्होंने कहा कि अगर रोहित जैसा बल्लेबाज 25-30 ओवर तक क्रीज पर टिकता है तो वह खेल को विरोधियों से दूर ले जाएगा और इसे भी अपने गेमप्ले में शामिल किया जाना चाहिए।

‘रोहित को उतनी सफलता नहीं मिली’
उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसा दृष्टिकोण है जिसका वह पिछले दो साल से पालन कर रहे हैं। इसकी शुरुआत भारत में विश्व कप से हुई और वह इस फॉर्मूले पर कायम हैं। उन्हें कुछ सफलता मिली है, हालांकि शायद उतनी नहीं जितनी उम्मीद थी। वह अविश्वसनीय रूप से प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जिनके पास कई तरह के शॉट हैं जो खेल में कई अन्य लोगों के पास नहीं है।’ गावस्कर ने कहा, ‘रोहित 25 ओवर भी बल्लेबाजी करते हैं तो भारत 180-200 के आसपास होगा। कल्पना कीजिए कि अगर उन्होंने तब तक केवल कुछ विकेट गंवाए हों। जरा सोचिए कि वे क्या कर सकते हैं! वह भारत के स्कोर को 350 या उसके पार पहुंचा सकते हैं।’ गावस्कर ने कहा कि रोहित को 25-30 रन बनाकर खुश नहीं होना चाहिए और उनकी टीम के लिए उनका प्रभाव कहीं अधिक होना चाहिए।

‘रोहित 25-30 ओवर तक बल्लेबाजी करें’
उन्होंने कहा, ‘उन्हें इस पर भी विचार करने की जरूरत है। मैदान पर उतरकर आक्रामक खेलना एक बात है, लेकिन खुद को 25-30 ओवर तक बल्लेबाजी का मौका देने के लिए कहीं न कहीं विवेक होना चाहिए। अगर वह ऐसा करते हैं तो वह खेल को विपक्षी टीम से दूर ले जाएंगे। इस तरह का प्रभाव मैच जिताने वाला होता है। मैं जानना चाहता हूं कि एक बल्लेबाज के रूप में, क्या आप 25-30 रन बनाकर खुश हैं? आपको नहीं होना चाहिए! इसलिए मैं उनसे यही कहूंगा, टीम पर आपका प्रभाव और भी अधिक होगा यदि आप सिर्फ सात, आठ या नौ ओवर के बजाय 25 ओवर तक बल्लेबाजी करें तो।’

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