
Gorakhpur News : बुढ़िया माता मंदिर के पुजारी रामानंद के पुत्र बलिराम को एक अप्रत्याशित परेशानी का सामना करना पड़ा, जब वह मंदिर से जंगल के रास्ते वनटांगिया टोले की ओर जा रहे थे। आरोप है कि रास्ते में उन्हें ट्रेनी आईएफएस अधिकारी सीकर वेंकट पटेल ने रोका और वन संरक्षित क्षेत्र में घुसने का आरोप लगाते हुए उनकी गाड़ी जब्त कर ली। बलिराम मंदिर से वनटांगिया टोले की ओर जा रहे थे, तभी आईएफएस अधिकारी वेंकट पटेल ने उन्हें रोकते हुए कहा कि वे वन संरक्षित क्षेत्र में घुस गए हैं। अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह क्षेत्र संरक्षित है और किसी को भी बिना अनुमति यहां प्रवेश करने की इजाजत नहीं है। इसके बाद, बलिराम की गाड़ी जब्त कर ली गई और उन्हें 1000 रुपये का चालान भी किया गया।
बलिराम के परिवार ने इस कार्रवाई को गलत बताया और कहा कि वह सिर्फ मंदिर से घर लौट रहे थे और उन्हें इस तरह की स्थिति का सामना नहीं करना चाहिए था। परिवार ने यह भी कहा कि इस इलाके में उन्हें हमेशा से आवाजाही की इजाजत थी और यह एक गलतफहमी का परिणाम हो सकता है। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह कदम वन संरक्षित क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे क्षेत्रों में अवैध प्रवेश से प्राकृतिक संसाधनों और वन्यजीवों के लिए खतरा हो सकता है, और इसलिए सभी को नियमों का पालन करना चाहिए।
कुसम्ही स्थित बुढि़या माता मंदिर के पुजारी के बेटे की बाइक ट्रेनी आईएफएस ने बृहस्पतिवार शाम को वन संरक्षित क्षेत्र में घुसने के आरोप में जब्त कर ली। विरोध में शुक्रवार सुबह बुढ़िया माता मंदिर का कपाट बंद कर दिया गया। समर्थन में दुकानदारों ने भी दुकानें बंद कर प्रदर्शन शुरू कर दिया।ट्रेनी अधिकारी के मंदिर पहुंचने पर लोग नारेबाजी करने लगे और जबरन परेशान करने का आरोप लगाया। मौके पर पहुंचे एसडीओ डाॅ. हरेंद्र सिंह ने समझा-बुझाकर लोगों को शांत कराया। इसके बाद मंदिर का कपाट खोलकर खुद पूजा-अर्चना की। मौजूद श्रद्धालुओं ने भी पूजन-अर्चन शुरू किया। करीब चार घंटे तक मंदिर का कपाट बंद रहा। इसके बाद स्थिति सामान्य हो गई। बाद में बाइक छोड़ दी गई।
बुढ़िया माता मंदिर के पुजारी रामानंद के पुत्र बलिराम मंदिर से जंगल के रास्ते वनटांगिया टोले की ओर जा रहे थे। आरोप है कि रास्ते में उन्हें ट्रेनी आईएफएस सीकर वेंकट पटेल ने रोक लिया। वन संरक्षित क्षेत्र में घुसने के आरोप में उनकी गाड़ी जब्त कर ली और 1000 रुपये का चालान कर दिया। इस कार्रवाई की जानकारी होने पर पुजारी ने शुक्रवार सुबह साफ-सफाई व पूजा के बाद मंदिर का कपाट बंद कर दिया। दुकानदारों ने भी अपनी-अपनी दुकानें बंद कर पुजारी के समर्थन में प्रदर्शन शुरू कर दिया। आरोप लगाने लगे कि यह कार्रवाई पिछले कई दिनों से हो रही है। इसी बीच ट्रेनी अफसर भी वहां पहुंचे तो दुकानदारों ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
मामले की जानकारी होने पर पहुंचे एसडीओ डाॅ. हरेंद्र सिंह ने पुजारी के बेटे की जब्त गाड़ी को दिलाने का आश्वासन देते हुए यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह की कोई कार्रवाई वन विभाग की ओर से नहीं की जाएगी। इसके बाद सभी मान गए। वन क्षेत्र घूमने के लिए प्रतिबंधित है। बुढ़िया माई मंदिर होने की वजह से श्रद्धालु दर्शन करके जंगल में चले जाते हैं। इसके कारण अप्रिय घटनाएं हो जाती हैं। इसीलिए उन्हें रोका जाता है। मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं काे कभी नहीं रोका गया है। बुढ़िया माता मंदिर आस्था का केंद्र है