850 करोड़ के फाल्कन घोटाला में ED का एक्शन, भगोड़े अमरदीप का जब्त किया प्राइवेट जेट..

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 800A प्राइवेट जेट जब्त किया है. यह जेट फाल्कन घोटाले से जुड़ा हुआ है. जेट कथित तौर पर घोटाले के मुख्य आरोपी अमरदीप कुमार का है. फाल्गन घोटाला जो करीब 850 करोड़ रूपये का है. आरोपी ने इस जेट का इस्तेमाल 22 जनवरी को दुबई (Dubai) भागने के लिए किया था. जेट को लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि प्रेस्टीज जेट्स इंक के जरिए 2024 में $1.6 मिलियन (लगभग ₹14 करोड़) में खरीदे गए इस जेट को कथित पोंजी स्कीम से फंड का उपयोग करके हासिल किया. ईडी का दावा है कि फाल्कन ग्रुप के पोंजी स्कीम से मिले पैसे को इस जेट की खरीद के लिए डायवर्ट किया गया था.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 800A प्राइवेट जेट जब्त किया है. यह जेट फाल्कन घोटाले से जुड़ा हुआ है. जेट कथित तौर पर घोटाले के मुख्य आरोपी अमरदीप कुमार का है. फाल्गन घोटाला जो करीब 850 करोड़ रूपये का है. आरोपी ने इस जेट का इस्तेमाल 22 जनवरी को दुबई (Dubai) भागने के लिए किया था.

जेट को लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि प्रेस्टीज जेट्स इंक के जरिए 2024 में $1.6 मिलियन (लगभग ₹14 करोड़) में खरीदे गए इस जेट को कथित पोंजी स्कीम से फंड का उपयोग करके हासिल किया. ईडी का दावा है कि फाल्कन ग्रुप के पोंजी स्कीम से मिले पैसे को इस जेट की खरीद के लिए डायवर्ट किया गया था.

जेट के शमशाबाद पहुंचते ही ईडी ने इसे जब्त कर लिया. क्रू-मेंबर्स से पूछताछ की गई और एक करीबी सहयोगी का बयान दर्ज किया गया.

क्या है फाल्कन घोटाला?
फाल्कन ग्रुप ने निवेशकों से ₹1,700 करोड़ जुटाए, जिसमें बड़े रिटर्न का लालच देकर फर्जी इनवॉइस डिस्काउंटिंग निवेश योजना चलाई गई.₹850 करोड़ वापस किए गए, लेकिन 6,979 निवेशकों को भुगतान नहीं मिला. कंपनी के प्रमुख अधिकारी, जिसमें चेयरमैन और एमडी अमरदीप कुमार शामिल हैं, अभी भी फरार हैं. 15 फरवरी को साइबराबाद पुलिस ने फाल्कन कैपिटल वेंचर्स के वाइस प्रेसिडेंट पवन कुमार ओडेला और डायरेक्टर काव्या नल्लुरी को गिरफ्तार किया था.

ऐसे दिया था फ्राड को अंजाम
आरोपियों ने फ्राड को अंजाम देने के लिए मोबाइल और वेबसाइट भी बनाई, लेकिन हकीकत में फर्जी वेंडरों और फर्जी सौदों के जरिए निवेशकों को ठगने का काम किया. पुलिस ने अब तक इस मामले में 19 लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमे से 2 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. बाकी अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस लगी हुई है.

यह पूरा घोटाला साल 2021 से चल रहा था. इसमें नर निवेशकों का अमाउंट पुराने निवेशकों को दिया जाता था. जनवरी महीने में उसका भी पेमेंट बंद हो गया था. इसके बाद निवेशकों ने शिकायत दर्ज कराई तब जाकर मामले का खुलासा हुआ.

 

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