चीन-पाकिस्तान को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब, 1000 HP इंजन से लैस होंगे भारतीय T-72 टैंक..

भारत की सुरक्षा नीति हमेशा से आत्मरक्षा और सामरिक संतुलन बनाए रखने पर केंद्रित रही है. लेकिन चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की बढ़ती सैन्य गतिविधियां भारत को अपनी सेना को और अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं. इसी दिशा में भारतीय रक्षा मंत्रालय ने रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (RoE) के साथ $248 मिलियन का समझौता किया है, जिसके तहत भारतीय सेना के T-72 टैंकों को 1000 हॉर्स पावर (HP) इंजन से अपग्रेड किया जाएगा.

भारत की सुरक्षा नीति हमेशा से आत्मरक्षा और सामरिक संतुलन बनाए रखने पर केंद्रित रही है. लेकिन चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की बढ़ती सैन्य गतिविधियां भारत को अपनी सेना को और अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं. इसी दिशा में भारतीय रक्षा मंत्रालय ने रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (RoE) के साथ $248 मिलियन का समझौता किया है, जिसके तहत भारतीय सेना के T-72 टैंकों को 1000 हॉर्स पावर (HP) इंजन से अपग्रेड किया जाएगा.

यानी बूढ़े हो चले T-72 टैंक में नई जान फूंकने का काम करेगी भारत और रूस की जोड़ी. यह सौदा केवल भारतीय सेना की क्षमताओं को ही नहीं बढ़ाएगा, बल्कि चीन और पाकिस्तान को भी एक स्पष्ट संदेश देगा कि भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. अब तक भारतीय सेना के T-72 टैंक 780 HP इंजन से लैस थे. जो कहीं न कहीं भारत के सामने बॉर्डर पर बढ़ती चुनौतियों के लिए न काफी थे.

इसी वजह से भारत ने इन टैक्स को रिटायर्ड करने का मन भी बना लिया था. लेकिन इस बदलाव के बाद T-72 टैंक में आज की युद्ध तैयारियों के मद्देनजर खरे उतरेंगे. पूर्वी लद्दाख में भारत के सामने हाई एल्टीट्यूड लोकेशन में चीन की चुनौती है ऐसे इन टैंक को अपग्रेड करना बेहद जरूरी हो चला था. अब इस अपग्रेडेशन के बाद उनकी गति, युद्ध क्षमता और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में संचालन क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी.

चीन-पाकिस्तान के लिए क्यों है यह सौदा चिंता का विषय?
चीन की सैन्य शक्ति और भारतीय जवाब: चीन लगातार अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ा रहा है और भारत के साथ उसकी सीमाओं पर तनाव बना रहता है. खासकर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के इलाकों में चीन ने अपने टाइप-99 और टाइप-96B जैसे एडवांस टैंकों की तैनाती की है. इन टैंकों में 1000 से 1500 HP तक के शक्तिशाली इंजन लगे हैं, जो ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.

भारतीय T-72 टैंकों में अब तक 780 HP इंजन थे, जो ऊंचाई और मुश्किल इलाकों में चीनी टैंकों के मुकाबले कमजोर पड़ सकते थे. लेकिन अब 1000 HP इंजन मिलने से भारतीय टैंकों की गतिशीलता (mobility) और आक्रामकता (offensive capability) बढ़ेगी. इससे चीन को साफ संदेश जाएगा कि भारत अब ऊंचाई वाले इलाकों में भी पूरी मजबूती के साथ मुकाबला करने में सक्षम है.

पाकिस्तान को मिलेगा करारा जवाब: पाकिस्तान ने हाल ही में चीन से VT-4 मैन बैटल टैंक खरीदे हैं, जिनमें 1300 HP इंजन लगे हैं. इसके अलावा पाकिस्तान के पास अल-खालिद, T-80UD और अल-ज़रार जैसे टैंक भी हैं, जो उसकी टैंक फोर्स को मजबूत बनाते हैं. पाकिस्तान की रणनीति हमेशा से टैंक युद्ध (Armoured Warfare) पर केंद्रित रही है, खासतौर पर पंजाब और राजस्थान सेक्टर में. भारत के T-72 टैंकों में 1000 HP इंजन लगने से अब ये पाकिस्तानी टैंकों के मुकाबले अधिक तेज़ी और आक्रामकता से लड़ाई लड़ सकते हैं. इससे भारतीय सेना को सीमावर्ती इलाकों में गति और युद्ध क्षमता का अतिरिक्त लाभ मिलेगा और पाकिस्तान को किसी भी दुस्साहस से पहले सौ बार सोचना पड़ेगा.

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम
इस सौदे का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह सिर्फ टैंकों के इंजन खरीदने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें ‘ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी’ (ToT) भी शामिल है. यानी रूस से यह तकनीक भारत को हस्तांतरित की जाएगी, और इन इंजनों का उत्पादन आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (हेवी व्हीकल फैक्ट्री, अवाडी, चेन्नई) में किया जाएगा.

यह कदम रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगा और भविष्य में भारत की सैन्य आवश्यकताओं के लिए स्वदेशी उत्पादन को और मजबूत करेगा. इससे भारत विदेशी निर्भरता को कम करेगा और अपनी रक्षा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाएगा. T-72 टैंक भारतीय सेना की रीढ़ हैं. इनकी गिनती दुनिया के सबसे भरोसेमंद और मजबूत टैंकों में होती है. लेकिन अब तक 780 HP इंजन की वजह से कुछ ऑपरेशनल चुनौतियां थीं, खासकर ऊबड़-खाबड़ इलाकों में.

भारतीय T-72 टैंक में ये बदलाव देखने को मिलेंगे
गति में वृद्धि टैंक तेज़ी से मूव कर पाएगा, जिससे दुश्मन को चकमा देना आसान होगा.
अधिक भार वहन करने की क्षमता भारी हथियार और सुरक्षा कवच जोड़ने के बाद भी टैंक तेज़ी से चल सकेगा.
ऊँचाई वाले इलाकों में बेहतर प्रदर्शन लद्दाख और अरुणाचल जैसे इलाकों में बेहतर संचालन संभव होगा.
बेहतर आक्रमण क्षमता युद्ध के दौरान दुश्मन के खिलाफ अधिक प्रभावी हमला कर सकेगा.

भारत की बढ़ती ताकत से घबराएंगे दुश्मन
T-72 टैंकों में 1000 HP इंजन लगने के बाद भारत की सैन्य शक्ति, गतिशीलता और आक्रामकता में जबरदस्त वृद्धि होगी. यह अपग्रेडेशन चीन और पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है.

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