यूपी के इन जिलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बंपर भर्ती, आवेदन प्रक्रिया शुरू; जानें कैसे करें आवेदन..

उत्तर प्रदेश में 21,547 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया तेजी से चल रही है. इसके लिए 6.69 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. मथुरा, बस्ती जैसे कई जिलों में सत्यापन पूरा हो चुका है. शेष जिलों में ऑनलाइन और भौतिक सत्यापन जारी है. मुख्य सचिव ने प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं ताकि जल्द से जल्द कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारियां संभाल सकें.आकड़ों के अनुसारभर्ती के लिए विकसित पोर्टल पर अब तक 6.69 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. ऑनलाइन सत्यापन और भौतिक सत्यापन के माध्यम से चयन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण किए जाने की तैयारी है.

उत्तर प्रदेश में 21,547 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया तेजी से चल रही है. इसके लिए 6.69 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. मथुरा, बस्ती जैसे कई जिलों में सत्यापन पूरा हो चुका है. शेष जिलों में ऑनलाइन और भौतिक सत्यापन जारी है. मुख्य सचिव ने प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं ताकि जल्द से जल्द कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारियां संभाल सकें.आकड़ों के अनुसारभर्ती के लिए विकसित पोर्टल पर अब तक 6.69 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. ऑनलाइन सत्यापन और भौतिक सत्यापन के माध्यम से चयन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण किए जाने की तैयारी है.

कई जिलों में सत्यापन की प्रक्रिया पूरी
यह भर्ती राज्य के सभी 75 जनपदों में की जा रही है. मथुरा, बस्ती, मऊ, देवरिया और बिजनौर में चयन संबंधी समस्त प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, जबकि मुरादाबाद और प्रयागराज में प्रक्रिया आंशिक रूप से पूरी हुई है. शेष 68 जनपदों में आवेदकों के प्रमाण पत्रों का शत-प्रतिशत ऑनलाइन सत्यापन पूरा कर लिया गया है. इसके अलावा, 53 जनपदों में अभ्यर्थियों के अभिलेखों का भौतिक सत्यापन हो चुका है, जबकि 17 जनपदों में यह कार्य प्रगति पर है. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए हैं.

प्रमाण पत्रों का सत्यापन और भर्ती में पारदर्शिता
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवेदकों के प्रमाण पत्रों का ऑनलाइन और भौतिक सत्यापन किया जा रहा है. विभाग द्वारा इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. ताकि चयनित कार्यकत्रियां जल्द से जल्द अपनी जिम्मेदारियों को संभाल सकें. आंगनवाड़ी भारत में ग्रामीण मां और बच्चों के देखभाल का केंद्र है. बच्चों को भूख और कुपोषण से निपटने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के भाग के रूप में, 1975 में उन्हें भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था. मूल स्वास्थ्य देखभाल गतिविधियों में गर्भनिरोधक परामर्श और आपूर्ति, पोषण शिक्षा और अनुपूरक, साथ ही पूर्व-विद्यालय की गतिविधियां शामिल हैं.

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