Ayodhya News: रामनवमी पर इतने बजे सूर्य की किरणें करेंगी रामलला का अभिषेक, तैयारी शुरू..

रामनवमी के पावन अवसर पर अयोध्या में स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर एक विशेष घटना होने जा रही है। दोपहर ठीक 12:00 बजे सूर्य की पहली किरणें रामलला के प्रतीक स्वरूप अभिषेक करेंगी। इस अनोखी घटना के लिए तैयारियां जोरों पर हैं और श्रद्धालु इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए उत्साहित हैं। यह घटना अत्यंत पवित्र मानी जा रही है, क्योंकि रामनवमी के दिन सूर्य की किरणों का रामलला के मुंह पर पड़ना एक दिव्य अभिषेक के समान होगा। इस दिन को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है और लाखों की संख्या में भक्त श्रीराम जन्मभूमि पर एकत्रित होंगे।

Ayodhya News : रामनवमी के पावन अवसर पर अयोध्या में स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर एक विशेष घटना होने जा रही है। दोपहर ठीक 12:00 बजे सूर्य की पहली किरणें रामलला के प्रतीक स्वरूप अभिषेक करेंगी। इस अनोखी घटना के लिए तैयारियां जोरों पर हैं और श्रद्धालु इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए उत्साहित हैं। यह घटना अत्यंत पवित्र मानी जा रही है, क्योंकि रामनवमी के दिन सूर्य की किरणों का रामलला के मुंह पर पड़ना एक दिव्य अभिषेक के समान होगा। इस दिन को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है और लाखों की संख्या में भक्त श्रीराम जन्मभूमि पर एकत्रित होंगे।

अयोध्या प्रशासन और श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने इस विशेष अवसर के लिए व्यापक तैयारी की है। मंदिर परिसर की सफाई, सुरक्षा व्यवस्था और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का इंतजाम किया जा रहा है। रामलला के प्रतीक स्वरूप अभिषेक के लिए विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाएगा। यह घटना धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस समय सूर्य की किरणें सीधे रामलला के स्वरूप पर पड़ती हैं, जो मान्यता के अनुसार भगवान राम का आशीर्वाद मानी जाती हैं। इस मौके पर भक्तजन मंदिर में विशेष पूजा अर्चना करेंगे और अपने श्रद्धा भाव से भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

अयोध्या में आगामी रामनवमी के अवसर पर रामलला के अभिषेक के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। श्रीराम जन्मभूमि पर इस ऐतिहासिक दिन पर विशेष पूजा और अभिषेक का आयोजन किया जाएगा, जिसकी तैयारी पूरी तरह से शुरू हो गई है। रामनवमी के दिन दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरणें रामलला के मुंह पर पड़ेंगी, जिसके बाद उनका पवित्र अभिषेक किया जाएगा।

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष का बयान
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने इस मौके पर बयान देते हुए कहा कि राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए अब भी कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। उन्होंने बताया कि निर्माण की प्रक्रिया लगातार जारी है, लेकिन कुछ तकनीकी और प्रशासनिक मुद्दे अभी भी चुनौतीपूर्ण हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि समिति इस निर्माण को समय पर पूरा करने के लिए पूरी तरह से समर्पित है और हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

तैयारी और आयोजन
रामनवमी के दिन आयोजित होने वाली पूजा और अभिषेक के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। मंदिर परिसर की साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था, और श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। रामलला के अभिषेक के दौरान लाखों श्रद्धालु एकत्रित होने की उम्मीद है, जिसके लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।

धार्मिक महत्व
यह आयोजन धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य की किरणों का रामलला के प्रतीक स्वरूप अभिषेक एक पवित्र और दिव्य मान्यता मानी जाती है। भक्तजन इस मौके पर भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अयोध्या पहुंचेंगे। राम मंदिर भवन निर्माण समिति की बैठक में शामिल होने के लिए अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र अयोध्या पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार फिर रामनवमी के दिन दोपहर ठीक 12:00 बजे रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरणें अभिषेक करेंगी। इसकी तैयारी शुरू हो गई है।

नृपेंद्र ने बताया कि लक्ष्य के अनुरूप राम मंदिर का निर्माण पूरा करने में निर्माण समिति के सामने चुनौतियां कम नहीं हो रही हैं। महाकुंभ के बाद अब होली और रामनवमी सामने है। इस दौरान राम मंदिर में काम करने वाले मजदूर त्योहार मनाने अपने-अपने घर चले जाते हैं, जिससे निर्माण कार्य में बाधा पहुंचती है।समिति अध्यक्ष ने बताया कि शनिवार को जयपुर से गोस्वामी तुलसी दास की मूर्ति अयोध्या पहुंच जाएगी। उम्मीद है कि रविवार को इसकी स्थापना भी हो जाए। राम मंदिर के शिखर का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। इसमें 18 कड़ी बननी है। 18 में से 11 कड़ी बनकर तैयार हो गई है। मंदिर में चार लाख 50 हजार क्यूबिक पत्थर लग रहे हैं। इसमें अब सिर्फ 20 हजार क्यूबिक पत्थर लगने बाकी हैं।उम्मीद की जा रही है कि 15 अप्रैल तक राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा। राम मंदिर परिसर में लगने वाली सभी मूर्तियां चाहे वह सप्त मंदिर की हों या परकोटे की हों या फिर राम दरबार की, सभी मूर्तियां 30 अप्रैल तक राम मंदिर परिसर में पहुंच जाएंगी। 25 मार्च से 15 अप्रैल के बीच सभी मूर्तियां स्थापित भी कर दी जाएंगी। सप्त मंदिर के बीच बनने वाला जलाशय भी तीन माह में तैयार हो जाएगा।

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