Jhansi News : मूल्यांकन में लापरवाही पर 27 शिक्षकों को अर्थदंड..

हाल ही में, मूल्यांकन प्रक्रिया में लापरवाही बरतने के कारण 27 शिक्षकों पर अर्थदंड लगाया गया है। यह कार्रवाई तब की गई जब यह पाया गया कि शिक्षकों ने निर्धारित समय सीमा के भीतर मूल्यांकन पूरा नहीं किया या इसमें कोई गंभीर त्रुटियां थीं, जिससे छात्रों की परीक्षा परिणामों में देरी हुई। शिक्षकों पर यह अर्थदंड उनके द्वारा की गई लापरवाही और निर्देशों की अवहेलना के चलते लगाया गया है। संबंधित शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट किया कि यह कदम छात्रों के हित में उठाया गया है ताकि मूल्यांकन प्रक्रिया पारदर्शी और समय पर पूरी हो सके। शिक्षकों को यह चेतावनी दी गई है कि यदि भविष्य में ऐसी कोई लापरवाही दोहराई जाती है, तो उन्हें और कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षा विभाग का उद्देश्य प्रभावी और समयबद्ध मूल्यांकन सुनिश्चित करना है ताकि छात्रों को समय पर उनके परिणाम मिल सकें और उनकी शिक्षा में कोई व्यवधान न आए।

Jhansi News : हाल ही में, मूल्यांकन प्रक्रिया में लापरवाही बरतने के कारण 27 शिक्षकों पर अर्थदंड लगाया गया है। यह कार्रवाई तब की गई जब यह पाया गया कि शिक्षकों ने निर्धारित समय सीमा के भीतर मूल्यांकन पूरा नहीं किया या इसमें कोई गंभीर त्रुटियां थीं, जिससे छात्रों की परीक्षा परिणामों में देरी हुई। शिक्षकों पर यह अर्थदंड उनके द्वारा की गई लापरवाही और निर्देशों की अवहेलना के चलते लगाया गया है। संबंधित शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट किया कि यह कदम छात्रों के हित में उठाया गया है ताकि मूल्यांकन प्रक्रिया पारदर्शी और समय पर पूरी हो सके। शिक्षकों को यह चेतावनी दी गई है कि यदि भविष्य में ऐसी कोई लापरवाही दोहराई जाती है, तो उन्हें और कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षा विभाग का उद्देश्य प्रभावी और समयबद्ध मूल्यांकन सुनिश्चित करना है ताकि छात्रों को समय पर उनके परिणाम मिल सकें और उनकी शिक्षा में कोई व्यवधान न आए।

बिलासपुर विश्वविद्यालय (बीयू) प्रशासन ने यूजी-पीजी परीक्षाओं के मूल्यांकन में लापरवाही बरतने के लिए 27 शिक्षकों पर 500-500 रुपये का अर्थदंड लगाया है। इसके अलावा, तीन शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई तब की गई जब यह पाया गया कि कुछ शिक्षकों ने मूल्यांकन में देरी की या त्रुटियाँ कीं, जिससे छात्रों के परिणामों में विलंब हो रहा था। इसके बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए और मूल्यांकन प्रक्रिया में सुधार किया। विभाग का दावा है कि सख्त कार्रवाई के बाद मूल्यांकन कार्य में तेजी आई है और अब त्रुटिरहित मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित की जा रही है। इससे छात्रों के परिणाम समय पर जारी करने में मदद मिल रही है, और भविष्य में ऐसी लापरवाही को रोकने के लिए कड़े उपाय किए जाएंगे।

बीयू कैंपस और संबद्ध कॉलेज की यूजी-पीजी विषम सेमेस्टर की परीक्षाएं जनवरी में खत्म हो गईं मगर अभी तक मूल्यांकन पूर्ण नहीं हुआ है। इस कार्य में स्थायी के अलावा सेल्फ फाइनेंस के भी शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। हकीकत यह है कि मूल्यांकन शुरू होने के बाद कैंपस के ही कई शिक्षकों ने रुचि नहीं ली। इसके चलते परीक्षा नियंत्रक ने दो बार हिदायती पत्र जारी करके जवाब तलब किया। सूत्र बताते हैं कि कुछ समय मूल्यांकन कार्य ने रफ्तार पकड़ी। इसके बाद मूल्यांकन कार्य करने वाले शिक्षकों ने ओएमआर सीट पर अंक भरने में लापरवाही बरतना शुरू कर दिया। किसी में प्राप्तांक का कुल योग गलत तो किसी ने विद्यार्थी द्वारा खंड गलत लिखने पर गलत खंड के हिसाब से ही अंक दिए, जो नियमानुसार गलत है। इसे लेकर कई बार हिदायत दी गई मगर कोई सुधार नहीं हुआ।

सूत्र बताते हैं कि मुख्य मूल्यांकन समन्वयक प्रो. बीके सहगल और प्रो. एके सिंह की सख्ती के बाद लगातार ऐसी गलती करने वाले 27 शिक्षकों को चिह्नित कर उनकी सूची परीक्षा नियंत्रक को दी गई। सभी पर 500-500 रुपये अर्थदंड लगाया गया है। दावा किया जा रहा है कि बीयू प्रशासन की कार्रवाई के बाद शुचिता के साथ मूल्यांकन कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है। बीयू के सूत्रों के अनुसार, अर्थदंड की कार्रवाई के बाद मूल्यांकन कार्य में जुटे शिक्षकों का कुछ काॅपियां जांचने के बाद इधर-उधर घूमना और काफी-काफी देर तक बातचीत करना बंद हो गया है।

15 मार्च तक रिजल्ट जारी करने का दावा

परीक्षा नियंत्रक का दावा है कि मूल्यांकन कार्य तेजी से कराया जा रहा है। जैसे-जैसे मूल्यांकन हो रहा है, वैसे-वैसे नंबरों को कंप्यूटर पर फीड करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि 15 मार्च तक सभी परिणाम जारी कर दिए जाएंगे।

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