
गृहमंत्री द्वारा दिल्ली में जाम की स्थिति पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए, दिल्ली पुलिस ने यह बताया कि शहर की सड़कों की “सोशल इंजीनियरिंग” ठीक नहीं है। इस कथन का मतलब यह है कि दिल्ली की सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था और यातायात के प्रवाह को सही ढंग से नियंत्रित करने के लिए जो सामाजिक और इंफ्रास्ट्रक्चरल पहलुओं का ध्यान रखा जाना चाहिए, वह सही तरीके से नहीं किया गया है। सोशल इंजीनियरिंग का यहां संदर्भ इस बात से है कि सड़कों की डिज़ाइन और यातायात के प्रवाह में सुधार की आवश्यकता है ताकि जाम की स्थिति को कम किया जा सके। इसमें सही इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिग्नल सिस्टम, पार्किंग व्यवस्था, और सार्वजनिक परिवहन की प्रभावी योजनाओं की जरूरत है। दिल्ली में जाम की समस्या बढ़ती जा रही है, और पुलिस का कहना है कि इसके लिए केवल ट्रैफिक नियमों का पालन करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि शहर की सड़क योजना को भी पुनः देखा और सुधारा जाना चाहिए। यह बयान इस ओर इशारा करता है कि दिल्ली की सड़कों पर अधिकतम क्षमता और सही व्यवस्था लागू करने के लिए एक अधिक व्यवस्थित और भविष्यवादी योजना की आवश्यकता है।
दिल्ली में जगह-जगह लगने वाले जाम की समस्या दिल्लीवासियों के लिए एक बड़ी परेशानी बन चुकी है, और अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई स्थानों पर भारी जाम की समस्या है, जिसमें नई दिल्ली जैसा वीआईपी क्षेत्र भी शामिल है। गृहमंत्री अमित शाह का यह बयान दिल्ली के यातायात प्रबंधन और शहर की सड़क व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है। नई दिल्ली, जो प्रशासनिक और वीआईपी गतिविधियों का केंद्र है, वहां भी जाम की समस्या का सामना करना पड़ा रहा है, जो यह दिखाता है कि राजधानी के यातायात व्यवस्था में कुछ गंभीर कमियां हैं।
दिल्ली में जाम की समस्या का कारण केवल बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या नहीं है, बल्कि असमर्थ ट्रैफिक व्यवस्थाएं, रोड डिज़ाइन की खामियां, और सड़क पर बेतरतीब पार्किंग जैसे मुद्दे भी हैं। गृहमंत्री ने यह सवाल उठाकर यह संदेश दिया है कि इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, जिसमें बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, रोड डिज़ाइन और यातायात व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए। दिल्लीवासियों को राहत देने के लिए अब दिल्ली पुलिस और प्रशासन के स्तर पर इस समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
राजधानी में जगह-जगह लगने वाले जाम का मुद्दा दिल्लीवासियों की परेशानी का सबब बना हुआ है। इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कई जगहों पर जबरदस्त जाम लगता है। इसमें नई दिल्ली जैसा वीआईपी एरिया भी शामिल है। इस मामले में उन्होंने दिल्ली पुलिस से जवाब तलब किया है। इसका जवाब देते हुए दिल्ली पुलिस ने सड़कों की सोशल इंजीनियरिंग को खराब बताते हुए 90 दिन की कार्ययोजना बनाकर समस्या को दूर करने का आश्वासन दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में दिल्ली की मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व दिल्ली पुलिस आयुक्त समेत सभी निकाय प्रमुखों की गृहमंत्रालय में बैठक बुलाई थी।
इसमें अमित शाह ने ट्रैफिक जाम की समस्या को बड़ी बताते हुए कहा था कि दिल्ली में कई जगहों पर जबरदस्त जाम लगता है। इससे निपटने के लिए क्या इंतजाम हैं। दिल्ली पुलिस इस मामले में क्या कर रही है। समस्या को जल्द से जल्द दूर किया जाए। मामले में सफाई पेश करते हुए पुलिस ने सड़कों की सोशल इंजीनियरिंग को समस्या के लिए जिम्मेदार बताते हुए कहा कि समस्या से निपटने के लिए हमने 90 दिन में जाम को हटाने की कार्ययोजना तैयार की है।
जाम की समस्या के लिए जिम्मेदार घटक
- दोषपूर्ण सड़क डिजाइन, बस स्टैंड, आवारा पशु, सेंट्रल वर्ज का न होना।
- गड्ढोंं और अवरोधों आदि के कारण असुरक्षित सड़कें।
- पैदल यात्रियों के लिए रोड क्रॉसिंग सुविधाओं का अभाव।
- पर्याप्त साइनेज का अभाव।
25 बिंदुओं में जोर दिया गया है कार्ययोजना में
- बस शेल्टर व स्टैंडों की जगह बदलना।
- सड़क की मरम्मत व कारपेटिंग।
- रोड मार्किंग, साइनेज व जेब्रा क्रॉसिंग।
- जल निकासी, गड्ढे और पानी का रिसाव की मरम्मत।
- बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर आदि की शिफ्टिंग।
- कूड़ाघरों को हटाना।
- आवारा पशुओं को हटाना।
- सड़कों पर कट को खोलना व बंद करना।
- साप्ताहिक बाजारों का प्रबंधन व स्थानांतरण।
- एमसीडी द्वारा वेंडिंग जोन निर्धारित करना।
- अधिकृत पार्किंग का प्रबंधन और पार्किंग की जगह बदलना।
- अंडरपास-फुट ओवर ब्रिज का उचित इस्तेमाल।
- सेंट्रल वर्ज पर ग्रिल लगवाने की व्यवस्था करना।
- सड़कों व सेंट्रल वर्ज पर धार्मिक ढ़ांचों को हटाना या उनकी जगह बदलना।
- भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में टैक्स वसूलने के लिए नीति बनाना।
बस अड्डों की वजह से लगता है जाम-
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार ने बताया है कि जिन 114 मार्गों व जाम लगने वाली जगहों का निरीक्षण किया है तो ज्यादातर जगहों पर बस स्टेंड या तो लाइट सिग्नल, फुटओवर ब्रिज आदि जगहों के पास हैं। इस कारण कारण जाम लगता है। ज्यादातर जगहों पर सड़कों की हालत ठीक नहीं है। कई जगहों पर सड़कों पर बिजली के पोल समेत अन्य पोल लगे हुए हैं।