
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 21 मार्च को लंदन जाएंगी और लंदन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करेंगी. अभी यह पता नहीं चला है कि वह किस विषय पर भाषण देंगी. बता दें कि पिछले साल कोलकाता में एक शैक्षणिक संस्थान में वक्तव्य रखते हुए ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की ओर से आमंत्रित किया गया है.
इस बार ममता ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के आमंत्रण का जवाब दिया है और वह 21 मार्च को विदेश दौरे पर जाएंगी. वह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भाषण देंगी.
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री 21 मार्च को कोलकाता से विमान से दुबई के लिए रवाना होंगी. वहां से वह लंदन जाएंगी. ऑक्सफोर्ड में भाषण देने के अलावा ममता बनर्जी के कई अन्य कार्यक्रम भी हैं. वह वहां कुछ उद्योगपतियों से भी मुलाकात करेंगी और उनके साथ बैठक करेंगी.
2015 में ममता ने किया था लंदन दौरा
इससे पहले ममता बनर्जी को 2020 में ऑक्सफोर्ड यूनियन के आमंत्रण पर भाषण देना था, लेकिन आखिरी समय में ऑक्सफोर्ड के अधिकारियों ने उन्हें ईमेल भेजकर सूचित किया कि कार्यक्रम फिलहाल स्थगित कर दिया गया है.
ऑक्सफोर्ड यूनियन ने घोषणा की थी कि कार्यक्रम को अंतिम समय में स्थगित करना पड़ा और ममता बनर्जी उस घटना से नाराज थीं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2015 में लंदन का दौरा किया था. उनके साथ राज्य के कई तत्कालीन मंत्री भी थे. उस समय ममता बनर्जी बकिंघम पैलेस गयी थीं. तत्कालीन वित्त मंत्री अमित मित्रा के अलावा कोलकाता के तत्कालीन मेयर शोभन चटर्जी, सुगत बसु, डेरेक ओ ब्रायन और देव भी उनके साथ थे.
ममता का है लंबा राजनीतिक-प्रशासनिक अनुभव
बता दें कि ममता बनर्जी 2021 में तीसरी बार राज्य की मुख्यमंत्री बनी हैं और 2011 में वाममोर्चा के 34 सालों के शासन को समाप्त कर जब से सत्ता में आई हैं. उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस लगातार चुनावों में जीत हासिल कर रही है, हालांकि पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी से तृणमूल कांग्रेस का जबरदस्त मुकाबला हुआ है, लेकिन अंततः ममता बनर्जी ने जीत हासिल की है.
ममता बनर्जी आठ बार लोकसभा सांसद रह चुकी हैं और सांसद रहते हुए रेल मंत्री से लेकर कोयला मंत्री का पदभार संभाल चुकी हैं. इसके साथ ही वह पिछले तीन बार से राज्य की सीएम भी हैं. छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रखने वालीं ममता बनर्जी ने लेफ्ट पार्टियों के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ीं. नंदीग्राम और सिंगूर जैसे आंदोलन का नेतृत्व किया है. उनका लंबा राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव है.