“नेत्रकुंभ में 2.37 लाख आंखों की जांच, 1.5 लाख चश्मे वितरित, CM योगी ने की सराहना”

प्रयागराज में आयोजित हुए कुंभ का समापन 26 फरवरी को हो चुका है. इसी दिन नेत्र कुंभ 2025 जो कि 12 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में किया गया, इसका समापन हो गया. नेत्र कुंभ में लाखों लोगों को निःशुल्क आंखें की जांच, दवाइयां, चश्मा वितरण और आंख का इलाज किया गया. देश भर से लगभग 343 नेत्र विशेषज्ञों और 489 ऑप्टोमेट्रिस्ट ने नेत्र कुंभ में अपनी सेवाएं दीं.

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 में 53 दिनों तक चले शिविर के दौरान, नेत्र कुंभ ने 52 अन्य संगठनों के साथ मिलकर भारत और दुनिया भर से आए लगभग 2,37,964 मरीजों की जांच की. शिविर में जांचे गए कुछ मरीज दुनिया भर के 17 देशों में से थे. नेत्र कुंभ में प्रारंभिक जांच के बाद लगभग 17,069 रोगियों को देश भर के 216 से अधिक अस्पतालों में भेजा गया. जहां उनका आगे का इलाज किया जा रहा है

सीएम योगी ने नेत्र कुंभ की तारीफ की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज दौरे पर गुरुवार को महाकुंभ में चल रहे नेत्र कुंभ का निरीक्षण कर यहां किए जा रहे सेवा कार्यों की सराहना की. मुख्यमंत्री ने नेत्र कुंभ की भव्यता और प्रबंधन की प्रशंसा की. डॉक्टरों ने उन्हें पूरी व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी. मुख्यमंत्री को बताया गया कि महाकुंभ के दौरान नेत्रकुंभ में 2.37 लाख मरीजों की यहां जांच की गई है. इस दौरान सीएम योगी ने इस आयोजन के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अन्य संगठनों को बधाई दी.

नेत्र कुंभ एक ऐसी पहल है जिसका उद्देश्य रोकथाम योग्य अंधेपन को दूर करना और व्यापक नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करना है. इस अभियान में निःशुल्क नेत्र जांच, चश्मों का वितरण, सर्जरी और नेत्र देखभाल तथा नेत्रदान के बारे में जागरूकता बढ़ाना शामिल है. यह स्वयंसेवकों, डॉक्टरों, ऑप्टोमेट्रिस्ट और सहायक संगठनों को एक साथ लाता है ताकि हज़ारों से लेकर लाखों तीर्थयात्रियों/लोगों की सेवा की जा सके, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य और नेत्र देखभाल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करना है.

क्या है नेत्र महाकुंभ
साल 2019 से नेत्र कुंभ ने भारत भर में रोकथाम योग्य अंधेपन को संबोधित करते हुए, निःशुल्क नेत्र देखभाल, चश्मा और सर्जरी प्रदान करके अनगिनत लोगों के जीवन को बदल दिया है.

नेत्र कुंभ की परिकल्पना पूरे भारत में नेत्र देखभाल की महत्वपूर्ण आवश्यकता को संबोधित करने के लिए की गई थी. पश्येम शरदः शतम् (हम इस दिव्य सृष्टि को सौ वर्षों तक देख सकें) के आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर, यह एक पहल है जिसका उद्देश्य अंधेपन को खत्म करना और व्यापक नेत्र देखभाल सेवाएँ प्रदान करना है.

 

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