नेपाल में आधी रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसका असर बिहार में भी देखने को मिला. राजधानी पटना, समस्तीपुर, मोकामा समेत कई जगहों पर इसके झटके महसूस किए गए. भूकंप आधी रात को आया. देर रात 2 बजकर 36 मिनट पर धरती हिली और इसके तेज झटके महसूस किए गए. इसकी तीव्रता 5.5 आंकी गई. भूकंप का केंद्र नेपाल था.
इसके अलावा पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. रात 2 बजकर 36 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता 5.5 थी. पिछले 28 दिनों में दिल्ली-नोएडा से बिहार-नेपाल और इंडोनेशिया-पाकिस्तान तक धरती डोली और भूकंप के झटके महसूस किए जो चिंता का विषय है. ऐसे में आइए जानते हैं कि फरवरी में आखिर कितने भूकंप आए?
फरवरी 28 दिन में कितने भूकंप आए?
28 फरवरी : पाकिस्तान में भूकंप के झटके, 4.5 रही तीव्रता
28 फरवरी: नेपाल-बिहार में भूकंप के झटके, 5.5 रही तीव्रता
26 फरवरी: इंडोनेशिया में भूकंप के तेज झटके, 6.0 रही तीव्रता
25 फरवरी: कोलकाता में सुबह-सुबह भूकंप के झटके, 5.1 रही तीव्रता
23 फरवरी: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में भूकंप के झटके, 3.8 रही तीव्रता
23 फरवरी: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भूकंप के झटके, 2.8 थी तीव्रता
22 फरवरी: वाशिंगटन में भूकंप के झटके, 3.4 रही तीव्रता
21 फरवरी: उत्तराखंड में भूकंप के झटकों से हिली धरती, 3.5 रही तीव्रता
21 फरवरी: कनाडा में भूकंप के झटके, 4.8 रही तीव्रता
17 फरवरी: दिल्ली-NCR में सुबह-सुबह भूकंप के झटके, 4.0 रही तीव्रता
15 फरवरी: टेक्सास में भूकंप के झटके, 5.0 रही तीव्रता
15 फरवरी: रूस में भूकंप के झटके, 5.7 रही तीव्रता
10 फरवरी: मोरक्को में भूकंप के झटके, 5.1 रही तीव्रता
09 फरवरी: केरल के कासरगोड में भूकंप के लगे झटके, 2.5 रही तीव्रता
02 फरवरी: राजस्थान के बीकानेर में भूकंप के झटके, 3.6 रही तीव्रता
किस तीव्रता पर होता है कितना नुकसान
अगर 0 से 1.9 की तीव्रता की बात करें तो इतने मैग्नीट्यूड से आए भूकंप के झटके महसूस नहीं होते, सिर्फ भूकंप केंद्र ही इन झटकों के बारे में पता लगा सकता है.
वहीं, 2 से 3.9 तीव्रता वाले भूकंप में हल्का कंपन होता है. भूकंप अगर ज्यादा डेप्थ में है तो जोरदार झटके भी महसूस हो सकते हैं, मगर नुकसान की आशंका नहीं होती.
अगर रिक्टर स्केल पर आए भूकंप की तीव्रता 4 से 5.9 होती तो इससे नुकसान की शुरुआत हो जाती है. पंखा और घर का सामान हिलने लगता है. खिड़कियों के भी टूटने की आशंका होती है.
अगर भूकंप की तीव्रता 6 से 6.9 मैग्नीट्यूड तक है तो तबाही मचा सकता है. यह तीव्रता ऊंची-ऊंची इमारतों के लिए नुकसान दायक है. खास तौर से हिमालय जोन में होने की वजह से दिल्ली-NCR इससे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं.
वहीं, 7 से 7.9 तीव्रता वाले भूकंप में तबाही आने का खतरा होता है. इतनी तीव्रता पर मकान गिरने लगते हैं. हर तरफ बस तबाही ही तबाही नजर आती हैं.
वहीं, रिक्टर स्केल पर अगर भूकंप की तीव्रता 8 से 8.9 होती है तो यह भयंकर तबाही लाता है. समुद्र में सुनामी भी उठ सकती है, जिसकी मार सैकड़ों किलोमीटर दूर तक पड़ती है. वहीं, 9 से ऊपर तो हर तरफ तबाही ही दिखेगी.
क्यों और कैसे आता है भूकंप?
धरती के अंदर मौजूद प्लेटों के आपस में टकराने के चलते भूकंप आता है. भू-विज्ञान के जानकार बतातें हैं कि हमारी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इन प्लेटों के टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है, उसे भूकंप कहा जाता है. जानकार के मुताबिक, धरती के नीचे मौजूद ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं. इस दौरान कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है