
कॉमेडियन समय रैना लंबे समय से विवादों में चल रहे हैं. शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में पैरेंट्स पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर समय, रणवीर इलाहाबादिया और अपूर्वा मखीजा को काफी फजीहत झेलने पड़ी. अभी भी वो मामला कोर्ट में चल रहा है. इसी बीच समय की मुश्किलें और बढ़ती दिख रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने समय के दिव्यांगता और बीमारी पर चुटकुले बनाने पर नाराजगी जताई है और उन्हें पक्षकार बनाने को कहा है.
क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया नाम की एक संस्था सुप्रीम कोर्ट पहुंची. संस्था ने कोर्ट में बताया कि समय रैना ने दिव्यांगों पर कमेंट किए हैं. उनपर चुटकुले बनाए हैं. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त है. कोर्ट ने समया रैना की उस क्लिप को रिकॉर्ड पर लिया है, जिसमें दृष्टिबाधित व्यक्ति के साथ-साथ एक दो महीने के बच्चे का भी मजाक उड़ाया गया था. उस बच्चे को इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की जरूरत थी.
सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों को लेकर चिंता जताई है. अब देखना होगा कि आगे इस मामले में क्या कुछ होता है. एक तरफ जहां समय रैना एक नए मामले को लेकर मुसीबत में पड़ते नजर आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ पैरेंट्स पर टिप्पणी करने को लेकर उनके खिलाफ असम और महाराष्ट्र में भी केस चल रहा है.
28 अप्रैल को रणवीर इलाहाबादिया की याचिका पर सुनवाई
रणवीर इलाहाबादिया के मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट की तरफ से प्रितिक्रिया आई है. रणवीर ने सुप्रीम कोर्ट से अपना पार्सपोर्ट रिलीज करने की मांग की थी. उनकी इस याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. कोर्ट से कहा गया कि हम उनकी इस याचिका पर 28 अप्रैल को विचार करेंगे. पैरेंट्स पर कमेंट करने के बाद हर तरफ से समय रैना, रणवीर इलाहाबदिया, अपूर्वा मखीजा और आशीष चंचलानी की आलोचना हो रही थी. समय को यूट्यूब से इंडियाज गॉट लेटेंट के सारे एपिसोड हटाने भी पड़े थे.