Hathras : एपी सिंह – रिपोर्ट से दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा..

Hathras News : उत्तर प्रदेश – 2 जुलाई 2024 को हुए हाथरस सत्संग हादसे की न्यायिक आयोग की रिपोर्ट सामने आने के बाद हलचल तेज हो गई है। रिपोर्ट में साकार नारायण हरि (भोले बाबा) को निर्दोष बताया गया है, जिससे उनके समर्थकों और वकीलों की उम्मीदों को बल मिला है। साकार हरि के वकील ए.पी. सिंह ने कहा, “न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने साकार हरि की सच्चाई को सामने लाया है। हम पहले ही कह रहे थे कि उनका कोई दोष नहीं है, और रिपोर्ट ने इसे प्रमाणित कर दिया।”2 जुलाई को हाथरस में एक सत्संग कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे और कुछ की मौत हो गई थी।घटना के बाद, साकार नारायण हरि के खिलाफ आरोप लगे थे, लेकिन रिपोर्ट में उन्हें क्लीन चिट दी गई है। न्यायिक आयोग ने घटना के विस्तृत जांच के बाद अपनी रिपोर्ट पेश की है।इस रिपोर्ट को लेकर दोनों पक्षों की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। रिपोर्ट के बाद, अब साकार नारायण हरि के समर्थक राहत महसूस कर रहे हैं, जबकि विरोधी पक्ष मामले की गहन जांच की मांग कर रहे हैं।

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सिकंदराराऊ सत्संग हादसे के मामले में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट आने के बाद भोले बाबा के अधिवक्ता एपी सिंह का कहना है कि इस रिपोर्ट से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। बाबा को क्लीन चिट मिलने से यह बात भी साफ हो गई है कि यह भगदड़ षडयंत्रकारियों की साजिश का एक हिस्सा थी।

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गौरतलब है कि पिछले वर्ष दो जुलाई को सिकंदराराऊ तहसील के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी और 250 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। करीब दो महीने तक यह मामला सियासी सुर्खियों में रहा था। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर सहित 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच न्यायिक आयोग से कराने का निर्णय लिया था। 

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अब इस मामले में न्यायिक आयोग से भोले बाबा को क्लीन चिट मिलने के बाद उनके अधिवक्ता डॉ. एपी सिंह ने प्रदेश सरकार को धन्यवाद  देते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट यूपी विधानसभा के पटल पर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ षडयंत्रकारियों ने सोची समझी साजिश के तहत भोले बाबा और प्रदेश सरकार को बदनाम करने की साजिश की थी, जिसका इस रिपोर्ट में पर्दाफाश हुआ है। उन्होंने कहा कि मानव मंगल सद्भावना के जरिये सत्संग का आयोजन हो रहा था। कुछ षडयंत्रकारियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। इस बारे में वह पूर्व में भी पुलिस को अवगत करा चुके हैं। 

सत्र न्यायालय में 25 फरवरी को होगी सुनवाई..

हाथरस सत्र न्यायाधीश सतेंद्र कुमार के न्यायालय में सत्संग हादसे का मामला विचाराधीन है। इस मामले में आरोपों पर बहस चल रही है। न्यायालय में अब इस मामले में 25 फरवरी को सुनवाई होगी।

न्यायालय में पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों के विरुद्ध 3200 पेज का आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने 676 गवाह बनाए हैं। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी देवप्रकाश मुधकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी, मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, रामप्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार, दलवीर सिंह को आरोपपत्र में आरोपी बनाया है। आठ आरोपियों की जमानत हो चुकी है, जबकि तीन आरोपियों देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह व मुकेश की जमानत याचिका उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। 

जो होना था वो हो गया, हमारा तो परिवार बिगड़ गया

न्यायिक आयोग के फैसले के बाद पीड़ित परिवारों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। गांव सोखना निवासी विनोद कुमार की मां जयमंती देवी, पत्नी राजकुमारी और बेटी भूमि की जान इस हादसे में गई थी। विनोद कुमार का कहना है कि जो हादसा होना था, वो हो गया। हमारा तो परिवार बिगड़ गया। न्यायिक आयोग की जांच पर हम क्या कहें।

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