राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा और अन्य सहयोगी संगठनों के साथ दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र आयोजित कर रहा है. इस विचार-मंथन सत्र में सभी सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बातचीत की जाएगी. एक पदाधिकारी ने इस विचार मंथन सत्र के बारे में जानकारी दी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दो दिवसीय सत्र में भाग लिया. इस मौके पर मंत्री चंद्रकांत पाटिल, चंद्रशेखर बावनकुले व अन्य भाजपा नेता रविवार को मौजूद रहे. भाजपा के अलावा, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और दूसरे संगठनों के पदाधिकारी बैठक में मौजूद थे.
दरअसल, इस विचार मंथन सत्र को आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर आयोजिक की गई. इस वजह से ये बैठक काफी अमह मानी जा रही है. RSS के एक पदाधिकारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि यह सभी संगठनों को मिलाकर नियमित बैठक है.
कामों की समीक्षा पर हुई चर्चा
संगठन के अलग-अलग क्षेत्रों के कामों की समीक्षा के लिए 6 महीने के बाद आयोजित की जाती है. किन कामों में प्रगति हुई है और किनमें सुधार की जरूरत है, सभी पहलुओं पर नजर रखते हुए इस बैठक का आयोजन किया जाता है. विकास की समीक्षा इस बैठक का आयोजन का प्रमुख उद्देश्य है. आरएसएस के संयुक्त सचिव अतुल लिमये ने इस समन्वय बैठक की अध्यक्षता की. पिछले साल के अंत में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा, राकांपा और शिवसेना के गठबंधन महायुति को मिली भारी जीत के बाद यह पहला सत्र है.
आरएसएस विचार मंथन सत्र के माध्यम से अपने और दूसरों के विचारों पर चर्चा करता है. साथ ही आरएसएस सभी विषयों पर जागरूकता फैलाना चाहता है और को बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के जरिए विचार के लिए प्रेरित करता है. आरएसएस विचार मंथन सत्र के माध्यम से अपने नेताओं के काम करने के तरीकों पर विचार करना है और उन्हें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करना है.