जाति जनगणना पर मोदी सरकार का दांव: यहां जानें 9 बड़े सवालों के सब जवाब

देश: मोदी सरकार ने जाति आधारित आंकड़ों को मुख्य जनगणना प्रक्रिया में शामिल करने का निर्णय लिया है, जिससे यह स्वतंत्र सर्वेक्षण की बजाय आधिकारिक जनगणना का हिस्सा बनेगा। ​

 कांग्रेस और विपक्षी दलों की क्या प्रतिक्रिया है?

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने जाति जनगणना की मांग की है, यह दावा करते हुए कि इससे विभिन्न वर्गों को उनकी आबादी के अनुसार प्रतिनिधित्व मिलेगा और आरक्षण की 50% सीमा को हटाने में मदद मिलेगी। ​

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे पर क्या बयान दिया है?

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह हिंदुओं को बांटने की कोशिश कर रही है और गरीबों के बीच विभाजन पैदा कर रही है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या कांग्रेस अल्पसंख्यकों का हक खत्म करना चाहती है। ​

 जाति जनगणना से क्या उद्देश्य है?

जाति जनगणना का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की वास्तविक स्थिति का पता लगाना है, ताकि नीतिगत निर्णय अधिक सटीक और न्यायपूर्ण हो सकें।​

 बिहार में जाति सर्वेक्षण के आंकड़े क्या बताते हैं?

बिहार में जाति सर्वेक्षण के अनुसार, पिछड़े वर्गों की आबादी 63% और अनारक्षित वर्ग की 15% बताई गई है, जिससे जाति आधारित आंकड़ों की आवश्यकता और भी स्पष्ट होती है। ​

 जस्टिस रोहिणी आयोग की रिपोर्ट का क्या महत्व है?

जस्टिस रोहिणी आयोग ने ओबीसी जातियों के बीच आरक्षण के लाभ के असमान वितरण की जांच की है और 2633 पिछड़ी जातियों की पहचान की है, जो आगामी लोकसभा चुनावों में ओबीसी वोट बैंक को प्रभावित कर सकती है। ​

 क्या जाति जनगणना से आरक्षण की 50% सीमा बढ़ाई जा सकती है?

विपक्षी दलों का कहना है कि जाति जनगणना से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर आरक्षण की 50% सीमा को हटाया जा सकता है, जिससे विभिन्न वर्गों को उनकी आबादी के अनुसार प्रतिनिधित्व मिलेगा। ​

 क्या जाति जनगणना से सामाजिक ध्रुवीकरण बढ़ सकता है?

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जाति जनगणना से सामाजिक ध्रुवीकरण बढ़ सकता है, क्योंकि इससे विभिन्न जातियों के बीच असमानताएँ स्पष्ट हो सकती हैं।​

 क्या जाति जनगणना से सरकार की योजनाओं में सुधार होगा?

हां, जाति जनगणना से सरकार को विभिन्न वर्गों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा, जिससे योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन संभव होगा।​

 जाति जनगणना के राजनीतिक प्रभाव क्या होंगे?

जाति जनगणना आगामी लोकसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, क्योंकि इससे विभिन्न जातियों के बीच राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।​

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