Odisha News :ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर में महाशिवरात्रि 2025 के पावन अवसर पर एक बड़ा हादसा हुआ. बुधवार रात 10:30 बजे मंदिर के शिखर पर महादीप चढ़ाने के दौरान एक सेवक गिरकर घायल हो गया. हालांकि, हादसे के बावजूद महादीप को निर्धारित समय से कुछ मिनट देरी से मंदिर के शीर्ष पर सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया. लिंगराज मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन हर साल विशेष अनुष्ठान होते हैं, जिसमें महादीप को मंदिर के शिखर पर चढ़ाने की परंपरा है. इस साल भी तय समयानुसार रात 10:00 बजे महादीप को चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू होनी थी, लेकिन पूजा-अर्चना में देरी के चलते यह करीब 40 मिनट विलंब से शुरू हुआ.
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कैसे हुआ हादसा?
रात 10:30 बजे, जब सेवक महादीप को लेकर शिखर की ओर बढ़ रहे थे, तभी अचानक उनका संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे गिरकर घायल हो गए. इस दौरान, एक अन्य सेवक ने सूझबूझ दिखाते हुए महादीप को संभाला और सुरक्षित रूप से मंदिर के शीर्ष तक पहुंचाया. रात 10:40 बजे महादीप को विधिवत मंदिर के शिखर पर स्थापित कर दिया गया
श्रद्धालुओं ने लगाए हर-हर महादेव के जयकारे
इस पवित्र अनुष्ठान को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु मंदिर परिसर में मौजूद थे जैसे ही महादीप शिखर पर पहुंचे, भक्तों ने हर-हर महादेव के गगनभेदी जयकारे लगाए और पूरे मंदिर परिसर में भक्ति का माहौल छा गया.
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घायल सेवक की हालत स्थिर
गिरने से घायल हुए सेवक का इलाज जारी है और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है मंदिर प्रशासन ने भी घटना की जांच के आदेश दिए हैं और भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की बात कही है
महाशिवरात्रि और महादीप का महत्व
लिंगराज मंदिर में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की पौराणिक मान्यता को श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से मनाते हैं. मंदिर के शिखर पर महादीप चढ़ाने की परंपरा वर्षों पुरानी है, जो शिव भक्ति का प्रतीक मानी जाती है..
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