IAS M Devaraj Success Story: 1996 बैच के IAS, 11 जिलों के डीएम, कौन हैं GST प्रमुख सचिव एम देवराज, जिन्हें हटाने पर अड़े अधिकारी-कर्मचारी

जीएसटी डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह आत्महत्या मामले के बाद जीएसटी विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज को हटाने की मांग होने लगी है. 1996 बैच का यह आईएएस अधिकारी कई प्रमुख पदों पर काम कर चुका है. आईएएस एम देवराज उत्तर प्रदेश के 10 से भी अधिक जिलों में डीएम की भूमिका निभा चुके हैं. जीएसटी डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह का सुसाइड मामला काफी चर्चा में है. वह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में तैनात थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते 10 मार्च को उन्होंने अपने अपार्टमेंट की 15वीं मंजिल से कूदकर सुसाइड कर लिया. इस सुसाइड मामले में कई अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. पुलिस कह रही है कि वह कैंसर से पीड़ित थे और इस वजह से डिप्रेशन में थे, जबकि मृतक संजय सिंह की पत्नी का दावा है कि उनके ऊपर ऑफिशियली बहुत ज्यादा प्रेशर था. इस बीच वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज को हटाने की मांग होने लगी है. आइए जानते हैं कि एम देवराज कौन हैं, किस बैच के अधिकारी हैं और कितने पढ़े लिखे हैं?

IAS M Devaraj Success Story : जीएसटी डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह आत्महत्या मामले के बाद जीएसटी विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज को हटाने की मांग होने लगी है. 1996 बैच का यह आईएएस अधिकारी कई प्रमुख पदों पर काम कर चुका है. आईएएस एम देवराज उत्तर प्रदेश के 10 से भी अधिक जिलों में डीएम की भूमिका निभा चुके हैं. जीएसटी डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह का सुसाइड मामला काफी चर्चा में है. वह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में तैनात थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते 10 मार्च को उन्होंने अपने अपार्टमेंट की 15वीं मंजिल से कूदकर सुसाइड कर लिया. इस सुसाइड मामले में कई अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. पुलिस कह रही है कि वह कैंसर से पीड़ित थे और इस वजह से डिप्रेशन में थे, जबकि मृतक संजय सिंह की पत्नी का दावा है कि उनके ऊपर ऑफिशियली बहुत ज्यादा प्रेशर था. इस बीच वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज को हटाने की मांग होने लगी है. आइए जानते हैं कि एम देवराज कौन हैं, किस बैच के अधिकारी हैं और कितने पढ़े लिखे हैं?

कौन हैं एम देवराज?
एम देवराज 1996 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. तमिलनाडु के विरुधुनाग के रहने वाले देवराज 4 सितंबर 1996 को आईएएस के रूप में नियुक्त हुए थे. देहरादून के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन यानी लबासना (LBSNAA) से ट्रेनिंग के बाद उन्हें असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में गोंडा में पहली पोस्टिंग मिली थी. उसके बाद बलिया और गोरखपुर में वह संयुक्त मजिस्ट्रेट रहे. फिर एटा में मुख्य विकास अधिकारी और उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग में विशेष सचिव के रूप में तैनात हुए. उन्होंने अब तक कई विभागों में अलग-अलग पदों पर काम किया है.

वह कई जिलों में मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर की भूमिका भी निभा चुके हैं, जिसमें कौशांबी, औरैया, श्रावस्ती, बलिया, मैनपुरी, रामपुर, बरेली, झांसी, उन्नाव, बदायूं और प्रतापगढ़ शामिल हैं. फिलहाल वह जीएसटी विभाग के प्रमुख सचिव हैं. इससे पहले वह यूपी सरकार के तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग में प्रमुख सचिव के पद पर तैनात थे.

कितने पढ़े लिखे हैं?
जीएसटी प्रमुख सचिव एम देवराज के पास कई डिग्रियां हैं. उन्होंने डबल नहीं ट्रिपल एमए किया है. सबसे पहले उन्होंने कृषि से एमएससी की डिग्री ली थी और उसके बाद पर्यावरण से एमए किया. फिर विकास मानक से एमए की डिग्री ली थी. यूपी सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, मैट्रिक्स 15 के तहत 67000-79000 रुपये के बीच सैलरी मिलती है.

विवादों से पुराना नाता
आईएएस अधिकारी एम देवराज का विवादों से पुराना नाता है. जब वह उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन के पद पर तैनात थे, तब ऐसा बवाल हुआ था कि उन्हें उनके पद से हटाना पड़ा था. ऐसा माना गया कि ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से मतभेदों की वजह से उन्हें हटाया गया था. इसके अलावा कर्मचारी यूनियन से भी उनकी भिड़ंत हो गई थी. ऐसे में कई कर्मचारी भी उनसे नाराज चल रहे थे.

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